कोरबा – जनपद सीईओ के डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग कर मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी ने चार करोड़ 20 लाख रुपए से अधिक की अनियमितता की। बिना अनुमति लिए भुगतान कर दिया। पूरा मामला वर्ष 2022 का है। पर 3 वर्षों तक मामला दबा रहा। कलेक्टर अजीत बसंत के संज्ञान में मामला आने के बाद उन्होंने टीम बना कर इसकी जांच करवाई। जांच में मामला प्रमाणित पाए जाने पर कार्यक्रम अधिकारी को बर्खास्त करने के आदेश कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक ने जारी किए हैं।
ब्लॉक पोड़ी उपरोड़ा में एमआर कर्मवीर कार्यक्रम अधिकारी के पद पर पदस्थ थे। उनके खिलाफ फर्जीवाड़ा एवं अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कार्य करने के संबंध में कलेक्टर अजीत बसंत ने संज्ञान लिया था। क्या शिकायत तत्काल मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा द्वारा किया गया था। पर पूर्व में यह मामला दबा रहा। जब वर्तमान कलेक्टर अजीत बसंत के संज्ञान में यह मामला सामने आया तो उन्होने एनआएम विशेषज्ञ मनरेगा, लेखाधिकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, उपसंचालक पंचायत, कार्यपालन अभियंता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, कार्यपालन अभियंता आरईएस को जांच के निर्देश दिए थे।
जांच टीम ने दस्तावेजों के अवलोकन एवं गवाहों के बयान के आधार पर जांच कर अपना प्रतिवेदन सौंपा। प्रतिवेदन में उल्लेखित हैं कि एमआर कर्मवीर तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी पोड़ी उपरोड़ा द्वारा शिकायत में वर्णित अवधि 12 सितंबर 2022 से सात नवंबर 2022 तक बीएस राज तत्कालीन सीईओ पोड़ी उपरोड़ा का एवं उनके बाद राधेश्याम मिर्ज़ा का डीएससी उनके संज्ञान में लाए बिना मजदूरी मद में 4,20,49,571 रुपए सामग्री मद में 9 लाख 84 हजार 320 रुपए, प्रशासकीय मद में 33,04,548 रुपए,अर्धकुशल मजदूरी मद में 7,11,046 रुपए राशि का भुगतान किया है। जिसमें मजदूरी मद का भुगतान बिना न के संधारण किए और जनपद सीईओ के बिना अनुशंसा के किया गया है,जो वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।