रायपुर – पिछले हफ्ते दुर्ग पुलिस के कुछ अधिकारियों के साथ महादेव ऑनलाइन सट्टा एप से जुड़े सटोरिये से फोटो वायरल होने के बाद पुलिस मुख्यालय हरकत में आया और डीजीपी अरुणदेव गौतम ने दो थानेदारों को दुर्ग से हटाकर पीएचक्यू अटैच कर दिया है। पुलिस विभाग में यह बड़ी कार्रवाई मानी जाती है। चूकि दुर्ग के एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर भी हैं, इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। पता चला है, गृह विभाग ने सुखनंदन के खिलाफ कार्रवाई करने मुख्यमंत्री को नोटशीट भेज दी है।
बताते हैं, भिलाई का रहने वाला धमेंद्र जायसवाल महादेव सट्टा ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर का बड़ा गुर्गा है। फोटो इस साल जनवरी की बताई जाती है, उस समय पुलिस धमेंद्र को फरार शो कर चुकी थी। पता चला है, जनवरी में सटोरिये के बच्चे का जन्मदिन था। उस पार्टी में एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर, जामुल थाने के थानेदार कपिल पाण्डेय, भिलाई के छावनी थाने के प्रभारी थानेदार पहुंचे थे। तीनों ने खुद को गर्वान्वित समझते हुए न केवल फोटो खिंचाई बल्कि कमरे के भीतर भी जिगरी दोस्त की तरह चर्चा करते फोटोएं भी वायरल हुई थीं। खुफिया विभाग से डीजीपी अरुणदेव गौतम को इसकी खबर मिली। उन्होंने संज्ञान लेते हुए दोनों थानेदारों को दुर्ग से हटाकर पुलिस मुख्यालय बुला लिया है।
पीएचक्यू के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि फोटो में चूकि दुर्ग के एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर भी हैं, इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। पता चला है, गृह विभाग ने सुखनंदन के खिलाफ कार्रवाई करने मुख्यमंत्री को नोटशीट भेज दी है।
महादेव ऑनलाइन सट्टा जैसा मामला, जिसने छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे को हिला दिया, उस सट्टेबाज के साथ पुलिस अधिकारियों द्वारा गलबहियां करते फोटो खिंचवाने पर सिर्फ लाइन अटैच की सजा मामूली समझी जा रही है। मगर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का कहना है, ये फौरी कार्रवाई है। इसके साथ जांच भी प्रारंभ हो गई है। जांच रिपोर्ट मिलते ही एक्शन लिया जाएगा।