गरियाबंद – नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की ओर से व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. बीजापुर जिले से सटे कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में पिछले 11 दिनों से बड़े स्तर पर ऑपरेशन जारी है, जिसमें करीब 20,000 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं. इस अभियान में सीआरपीएफ, डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा, बस्तर फाइटर्स के अलावा तेलंगाना से ग्रे हाउंड और महाराष्ट्र से सी-60 फोर्स के जवान सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. इसी ऑपरेशन के तहत सुरक्षाबलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर नियंत्रण स्थापित करते हुए तिरंगा भी फहराया है, जो एक प्रतीकात्मक और रणनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है.
इसी दौरान छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से भी नक्सली मुठभेड़ की खबर सामने आई है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गरियाबंद के जुगाड़ थाना क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों की सूचना के बाद सुरक्षा बलों को इलाके में गश्त के लिए भेजा गया था. शुक्रवार रात जैसे ही जवान गश्त पर थे, नक्सलियों ने घात लगाकर गोलीबारी शुरू कर दी. सुरक्षाबलों ने भी तुरंत मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की, जिसमें एक नक्सली मारा गया.
नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता
मुठभेड़ के बाद जब घटनास्थल की तलाशी ली गई, तो वहां से एक नक्सली का शव बरामद किया गया. साथ ही भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री और अन्य जरूरी सामान भी जब्त किए गए हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूरे क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों को देखते हुए सर्च ऑपरेशन अब और तेज कर दिया गया है.
गरियाबंद में मारा गया एक नक्सली
इस पूरे अभियान के पीछे केंद्र सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है—2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 में गृह मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ने की घोषणा की थी. इसी क्रम में 4 अप्रैल को दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर रायपुर पहुंचे अमित शाह ने नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा की और 5 अप्रैल को दंतेवाड़ा में आयोजित बस्तर पंडुम कार्यक्रम में भाग लिया.
जवाब में सुरक्षाबलों ने किया ढेर
शाह ने नक्सलियों से अपील की थी कि वे हिंसा छोड़कर हथियार डालें और मुख्यधारा में शामिल हो जाएं. उन्होंने कहा था कि सरकार नक्सलियों के पुनर्वास में हरसंभव मदद करेगी, लेकिन अगर वे हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ते, तो उन्हें उनके ही अंदाज़ में जवाब मिलेगा.