संभल – जहां-जहां मंदिर निकलेंगे उन्हें लेकर ही रहेंगे, अब किसी तरह का कोई भी समझौता नहीं होगा। जो हमें छेड़ेगा तो उसे छोड़ेंगे नहीं। अब तक वक्फ बोर्ड का बड़ा संकट था, भगवान ने इसका भी हल करा दिया और इसको लेकर कानून बन गया।
पद्मविभूषण श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर, जगद्गुरु रामानंदाचार्य, रामभद्राचार्य ने बहजोई में रामकथा के मंच से यह हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि जो सनातन का है वह उसे मिलना ही चाहिए। इसमें किसी को बाधक नहीं बनने दिया जाएगा।
कहा कि संभल में जिलाधिकारी डाॅ. राजेंद्र पैंसिया ने हिंदुत्व की लाज रखी है। उन्होंने अब तक विलुप्त हो चुके दर्जनों तीर्थों को अस्तित्व में लाने का जो काम किया वह अद्वितीय है। जहां स्वयं भगवान कल्कि अवतार लेंगे ऐसे स्थान पर रहने वाले धन्य हैं।
बोले, हम किसी को भी छेड़ना नहीं चाहते, लेकिन कोई हमें छेड़ेगा तो उसे सहन नहीं करेंगे। वो अगर दाएं गाल पर थप्पड़ मारेगा तो हम बाएं गाल पर मारेंगे। अब तक बहुत सहा है, लेकिन अब हिंदू नहीं सहेगा।
पीठाधीश्वर बोले, मैं देख रहा हूं पंडाल में भीड़ कम
रामकथा का शुभारंभ करने से पूर्व तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने आयोजकों को इंगित करते हुए कहा कि मैं देख रहा हूं कि पंडाल में भीड़ काफी कम है। आज पहला दिन है, लेकिन कल से पंडाल भरा हुआ होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि रामकथा सुनने के लिए आने वालों को कोई असुविधा न हो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने मंच पर किया पादुका पूजन
हीरादेवी तोताराम इंटर कॉलेज में बनाए गए रामकथा के मंच पर पद्मविभूषण रामभद्राचार्य के पहुंचने के बाद चरण पादुका पूजन किया गया, जिसमें जिलाधिकारी डा. राजेंद्र पैंसिया अपने माता पिता व परिवार के अन्य लोगों के साथ मंच पर पहुंचे और उन्होंने वैदिक मंत्रों के साथ पादुका पून किया।
इसी दौरान कथा वाचक रामभद्राचार्य ने कहा कि आज से 19 अप्रैल तक सात दिनों तक चलने वाली रामकथा रामचरित मानस की एक ही चौपाई पर आधारित होगी। इस दौरान पंडाल जय श्रीराम के उद्घोष से गूंजता रहा।