रायपुर – हनुमान महापाठ समिति के तत्वावधान में रामनवमी के पावन अवसर पर आयोजित हनुमान चालीसा महापाठ को लेकर १ अप्रैल २०२५ को जवाहर नगर स्थित अग्रसेन भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में समिति के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में हनुमान भक्तों ने भाग लिया और आयोजन को सफल बनाने के लिए विचार-विमर्श किया।
बैठक में कार्यक्रम संयोजक विजय अग्रवाल एवं शिवनारायण मुंघडा जी ने समस्त हनुमान भक्तों के साथ कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की। उन्होंने बताया कि यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा। उपस्थित भक्तों से आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए गए।
६ अप्रैल को होगा विशेष व्याख्यान और महापाठ हनुमान चालीसा महापाठ का आयोजन ६ अप्रैल २०२५, रविवार को रामनवमी के शुभ अवसर पर किया जाएगा। यह विशेष कार्यक्रम साइंस कॉलेज के पास स्थित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में शाम ७ बजे से आरंभ होगा। इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रणेता श्री विजय शंकर मेहता जी द्वारा “हनुमान चालीसा एवं मानव कल, आज और कल” विषय पर विशेष व्याख्यान दिया जाएगा। उनके प्रेरणादायक शब्दों से भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति का संदेश प्राप्त होगा।
महापाठ के दौरान सैकड़ों हनुमान भक्त एक साथ हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ करेंगे, जिससे वातावरण भक्तिमय और ऊर्जा से भरपूर हो जाएगा। इस अवसर पर विशेष आरती और प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था की गई है।
५ अप्रैल को निकलेगी भव्य शोभायात्रा रामनवमी के इस विशेष आयोजन की पूर्व संध्या पर ५ अप्रैल को एक भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरेगी और पूरे शहर में महापाठ के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी। शोभायात्रा राठौर चौक स्थित हनुमान मंदिर में संपन्न होगी।
इस शोभायात्रा में सजे-धजे रथों,भजनों की धुनों और भक्तों की जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाएगा। शोभायात्रा के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर स्वागत द्वार बनाए जाएंगे, जहां भक्तों के लिए जलपान एवं प्रसाद वितरण की व्यवस्था भी होगी।
कार्यक्रम संयोजकों ने अधिक से अधिक भक्तों से इस दिव्य आयोजन में सम्मिलित होने की अपील की है। योगी अग्रवाल जी ने समस्त हनुमान भक्तों से इस महापाठ में भाग लेने का निवेदन किया ताकि इसे एक ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक अनुभव बनाया जा सके।
हनुमान महापाठ समिति का उद्देश्य न केवल धार्मिक आयोजन करना है, बल्कि समाज में भक्ति, एकता और सेवा का संदेश फैलाना भी है। समिति ने नगरवासियों से अनुरोध किया है कि वे इस आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें और इस महापाठ को ऐतिहासिक बनाएँ।