रायपुर – छत्तीसगढ़ में सीएम साय के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के बाद नक्सलवाद के खिलाफ जैसे निर्णायक लड़ाई का ऐलान हो गया। लड़ाई को तब और बल मिल गया, जब देश के गृहमंत्री ने मार्च 2026 का डेट लाइन नक्सलवाद की सफाई के लिए तय कर दिया।
उसके बाद जैसे नक्सलियों पर फोर्स कहर बनकर टूट पड़ी। पिछले 1 साल में ही करीब 300 सशस्त्र नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है। करीब 1000 से नक्सली समर्पण कर चुके हैं।
बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षाबलों काे एक और बड़ी सफलता मिली है। बीते दिन दो जिलों में सुरक्षाबलों ने तीस नक्सलियों को ढेर कर दिया। वहीं दूसरी तरफ एनकाउंटर की इस सफलता पर राजनीति भी जमकर हो रही है। राजनीतिक बयानों और आरोपों की यह लड़ाई अब ‘पाप’ तक पहुंच गई है।नेता प्रतिपक्ष के बयान से भड़के गृहमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष पर पाप की राजनीति करने का आरोप मढ़ दिया।
इसी कड़ी में एक दिन पहले बीजापुर में और कांकेर में 30 नक्सलियों को मार गिराया गया। लेकिन सुरक्षा बलों की शानदार सफलता पर नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत का बयान आया कि नक्सलियों के खिलाफ सफलता तो ठीक है, लेकिन क्या बस्तर में औद्योगिक घराने के लिए रेट कॉरपेट बिछाने की तैयारी की जा रही है?