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अब स्पेशल डिजिटल किसान आईडी बनाने गरियाबंद जिले के चॉइस सेंटर और सेवा सहकारी समितियों में लगने लगी भीड़

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31 मार्च तक पंजीयन नही तो योजनाओं से वंचित हो सकते है किसान

शेख हसन गरियाबंद – अब किसानों को अपनी पहचान के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे. जिस तरह आम नागरिकों के लिए आधार कार्ड जरूरी होता है, उसी तरह किसानों के लिए डिजिटल फार्मर आईडी (किसान कार्ड) बनाई जा रही है. एग्री स्टेक परियोजना के तहत जिले के सभी किसानों की पहचान को डिजिटल रूप दिया जा रहा है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से मिल सके। गरियाबंद जिले के कृषि विभाग के उपसंचालक चंदन राय ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाने की पहल की जा रही है एग्रीस्टेक परियोजना के तहत जिले के हर किसानों का डिजिटल फार्मर आई.डी. (किसान कार्ड) एवं कृषि भूमिधारक का कृषि भूमि पहचान पत्र बनाया जा रहा है राज्य शासन द्वारा इसके जरिये किसानों को कृषि योजनाएं जैसे- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, उर्वरक अनुदान, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, कृषि यंत्र अनुदान आदि सभी योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त हो सकेगा जिले में एग्रीस्टेक योजना के तहत समस्त कृषकों का निःशुल्क पंजीयन हेतु सभी लोक सेवा केन्द्र च्वाईस सेंटर, प्राथमिक सेवा सहकारी समिति एवं आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों को निर्देशित किया गया है। किसान भाईयों से अपील की जाती है कि वे आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, ऋण पुस्तिका व बी-1 की छायाप्रति एवं आधार कार्ड में लिंक मोबाईल नंबर के साथ अपने नजदीकी लोक सेवा केन्द्र च्वाईस सेंटर, प्राथमिक सेवा सहकारी समिति एवं आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में जाकर निःशुल्क पंजीयन जल्द से जल्द करा लेवें। किसान भाई एग्रीस्टेक पोर्टल के वेब लिंक https://cgfr-agristack-gov-in/farmer-registry-cg पर जाकर अपना स्वः पंजीयन भी कर सकते है। एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन के संबंध में किसी भी प्रकार की समस्या या जानकारी हेतु अपने क्षेत्र के पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, लोक सेवा केन्द्र एवं सहकारी समितियों से सम्पर्क कर सकते है।

31 मार्च तक पंजीयन नहीं तो योजनाओं से वंचित हो सकते हैं किसान

31 मार्च 2025 तक सभी किसानों का पंजीयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए ग्राम पंचायतों में शिविर लगाए जा रहे हैं और लोक सेवा केंद्रों च्वाईस सेंटर में भी पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. किसानों को जागरूक करने के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों एवं तहसीलदार, पटवारियो राजस्व विभाग के अमला को प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी दी गई है, वहीं पंजीयन को स्वीकृत करने के लिए पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई है। किसान स्वयं ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं या फिर निकटतम लोक सेवा केंद्र च्वाईस सेंटर में जाकर पंजीयन करा सकते हैं. पंजीयन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी कृषि भूमि का बी-1 दस्तावेज, ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर (ओटीपी सत्यापन के लिए) पंजीयन के बाद किसानों को आधार से जुड़ी 11 अंकों की विशिष्ट फार्मर आईडी प्राप्त होगी, जिससे वे धान विक्रय पंजीयन, कृषि ऋण, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड सहित अन्य योजनाओं के लिए आवेदन कर सकेंगे।

कृषि विभाग के उपसंचालक चंदन राय ने बताया गरियाबंद जिला में 64 हजार से ज्यादा किसानो का पंजीयन करवाया जा चुका है प्रतिदिन0 3 हजार किसानो का पंजीयन किया जा रहा है। उन्होने बताया गरियाबंद जिले में लगभग 1 लाख 12 हजार के आसपास किसान है और गांव -गांव लगातार प्रचार प्रसार कर लोगो को पंजीयन कराने के लिए अपील किया जा रहा है।

मैनपुर तहसीलदार गेंदलाल साहू ने समस्त कृषको भूमि -स्वामियो को अपील किया है कि 31 मार्च तक अपना पंजीयन करवा ले जिसके लिए विभाग द्वारा प्रचार प्रसार किया जा रहा है।