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महिला पंचों की जगह पतियों ने ली पद और गोपनीयता की शपथ, जानिए पूरा मामला

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छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में चुनाव जीत कर आई 6 महिला पंचों की जगह, उनके पतियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाए जाने के कथित मामले में पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है.

कवर्धा – छत्तीसगढ़ में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारीक ने कहा है कि पंचायतों में ऐसे किसी शपथग्रहण का प्रावधान ही नहीं है.

उन्होंने से कहा, “पंचायत में इस तरह शपथ का कोई प्रावधान ही नहीं है. हमने इस बारे में कलेक्टर से पूरी रिपोर्ट मांगी है.”

दूसरी ओर कबीरधाम ज़िला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अजय कुमार त्रिपाठी ने कहा, “एक वीडियो में दिखाया गया था कि ग्राम पंचायत परसवारा में जो महिला पंच निर्वाचित हुई हैं, उनके पतियों द्वारा शपथ ग्रहण किया जा रहा है.

त्रिपाठी ने कहा, “इस मामले में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है और उन्हें आरोप पत्र जारी किया गया है.”

यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंचायतों में महिलाओं की जगह उनके पति या रिश्तेदारों की भूमिका को ख़त्म करने के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की है.

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर परसवारा पंचायत है.

2011 की जनगणना के अनुसार 320 परिवारों और 1545 की जनसंख्या वाले परसवारा में लिंगानुपात 936 है, जो छत्तीसगढ़ के लिंगानुपात 969 की तुलना में कम है. यहां तक कि इस पंचायत में साक्षरता दर भी केवल 67.44 फ़ीसदी है, जिसमें पुरुष साक्षरता 82.86 फ़ीसदी और महिला साक्षरता 51.19 फ़ीसदी है.

पिछले महीने ही राज्य में पंचायत चुनाव हुए हैं. छत्तीसगढ़ में मई 2008 से ही पंचायत में महिलाओं के लिए 50 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान है. यही कारण है कि राज्य में बड़ी संख्या में महिलाएं चुन कर आई हैं.

इसके बाद पंचायत विभाग के आदेश पर राज्य भर में 3 मार्च को ग्राम पंचायतों का प्रथम विशेष सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें नव-निर्वाचित पंचों-सरपंचों को पदभार ग्रहण करना था.

3 मार्च को यही सम्मेलन परसवारा में भी आयोजित किया गया. यहां 6 महिलाओं समेत 12 पंचों को पदभार ग्रहण करना था. लेकिन इस कार्यक्रम में शपथग्रहण का जो वीडियो वायरल हुआ, उसमें एक भी महिला शामिल नहीं थी.

चुनी हुई महिला पंचों की जगह, माला पहने और गुलाल लगाए उनके पति इस वीडियो में पदभार ग्रहण की शपथ लेते नज़र आ रहे थे. शपथ ग्रहण के इस वीडियो में एक भी महिला उपस्थित नहीं थी.

चुने हुए जनप्रतिनिधि की जगह उनके पतियों द्वारा शपथ लिये जाने का यह वीडियो तेज़ी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो ज़िला पंचायत के अधिकारियों ने इससे पल्ला झाड़ने की कोशिश की. लेकिन जब बात राजधानी तक पहुंची, तो सरकार ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए.

इसके बाद बुधवार को पंचायत सचिव रणवीर सिंह ठाकुर को निलंबित कर दिया गया. हालांकि, रणवीर सिंह ठाकुर महिला पंचों की जगह उनके पतियों को शपथ दिलाए जाने से इंकार कर रहे हैं.

रणवीर सिंह ठाकुर ने कहा, “हमारे द्वारा पंच पतियों को शपथ नहीं दिलाया गया है. वीडियो किसने बनाया और क्या बनाया, इस बारे में मुझे नहीं पता.”

परसवारा पंचायत के नवनिर्वाचित सरपंच रतन चंद्रवंशी मानते हैं कि चुने हुए पंचों की जगह उनके पतियों द्वारा शपथ ग्रहण से महिला अधिकारों का हनन हुआ है. लेकिन वे तर्क देते हैं कि महिला पंचों का शपथ ग्रहण 8 मार्च को कराया जाएगा.

इस शपथ ग्रहण के वीडियो में, अपनी पत्नी गायत्री बाई चंद्रवंशी की जगह माला पहन कर पंच की शपथ लेने वाले गांव के कोमल चंद्रवंशी का कहना है कि उनके पास संदेश आया था कि 3 मार्च को प्रमाण पत्र वितरित करना है और शपथ भी लेना है.

कोमल चंद्रवंशी कहते हैं, “उस दिन गांव भर के बड़े-बुजुर्ग उपस्थित थे. लेकिन महिला पंच नहीं आईं थीं, इसलिए उन्होंने शपथ नहीं ली.”

इधर राज्य में विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी सरकार की महिलाओं के प्रति जो सोच है, यह उसी को प्रतिबिंबित करता है.

कांग्रेस पार्टी के विधायक उमेश पटेल ने कहा, “भाजपा सरकार का लोकतंत्र पर जो विश्वास है, वो किस तरह से है, इसे इस घटना से समझा जा सकता है कि महिलाएं जीत कर आती हैं और उनके पतियों को शपथ दिला दिया जाता है.”

हालांकि, भाजपा कोर ग्रुप के सदस्य और विधायक विक्रम उसेंडी ने माना कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर ही निशाना साधा.

विक्रम उसेंडी ने कहा, “ये स्थानीय प्रशासन का काम था, लेकिन अगर चूक हुई है तो इस मामले में संबंधितों पर कार्रवाई होगी. कांग्रेस पार्टी के पास राज्य में कोई मुद्दा नहीं बचा है, तो वह अनर्गल आरोप लगा रही है.”