रईस अहमद शेख असदुल्ला फिलहाल नागपुर केंद्रीय कारागार में बंद है. अभियोजन पक्ष के अनुसार, शेख ने शहर के महल इलाके में स्थित आरएसएस मुख्यालय की टोह लेने की भी कथित तौर पर साजिश रची थी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाया.
नागपुर – बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने जम्मू-कश्मीर के उस निवासी को जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया जिस पर जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी होने और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ के बी हेडगेवार के यहां स्थित स्मारक की टोह लेने का आरोप है. रईस अहमद शेख असदुल्ला शेख को 15 सितंबर, 2021 को नागपुर के रेशिमबाग इलाके में स्थित आरएसएस के संस्थापक के स्मारक डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर की टोह लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उसने इस महीने की शुरुआत में बंबई उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर कर दावा किया था कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
न्यायमूर्ति नितिन सूर्यवंशी और न्यायमूर्ति प्रवीण पाटिल की खंडपीठ ने जमानत याचिका खारिज कर दी. आदेश की विस्तृत प्रति अभी उपलब्ध नहीं कराई गई है. आरोप है कि शेख ने टोह लेने के बाद पाकिस्तान में अपने आकाओं को सूचनाएं दी थीं. अधिवक्ता निहालसिंह राठौड़ के माध्यम से दायर जमानत याचिका में शेख ने दावा किया था कि यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि उसने किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को अंजाम देने के लिए उपरोक्त स्थानों की टोह ली थी. उसके वकील ने अदालत में दलील दी कि शेख का कृत्य ‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम’ (यूएपीए) के दायरे में नहीं आता.
सरकारी वकील देवेंद्र चौहान ने अदालत से कहा कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सामग्री है कि आरोपी शेख प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि शेख की गतिविधियां भविष्य में आतंकवादी हमले करने के लिए थीं और इसलिए इसे यूएपीए के दायरे में माना जाएगा. चौहान ने कहा, ‘‘किसी भी आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने से पहले की गई तैयारी (टोह) को भी आतंकवादी कृत्य ही माना जाता है.”
उन्होंने कहा, ‘‘उसका नागपुर आना स्वाभाविक नहीं था. आरोपी का कोई रिश्तेदार भी यहां नहीं है या उसका व्यावसायिक उद्देश्य नहीं था और न ही कोई अन्य कारक था जो यह साबित करता हो कि उसका आना स्वाभाविक था.”
यूएपीए की संबंधित धाराओं में हुआ केस दर्ज
पुलिस की जांच के अनुसार, शेख आरएसएस मुख्यालय को जोड़ने वाली छह गलियों की भी टोह लेना चाहता था लेकिन सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों को देखने के बाद वह गलियों में घुसने की हिम्मत नहीं कर सका. जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों से ठोस सबूत मिलने के बाद शेख के खिलाफ यूएपीए की संबंधित धाराओं के तहत कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया.