बघेल के घर लाई गई नोट गिनने और सोना जांचने की मशीन, सुबह से जारी है ED का छापा
रायपुर – प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत उनके (पूर्व मुख्यमंत्री के) परिसरों पर सोमवार को छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई (दुर्ग जिले) स्थित परिसरों, चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ ??पप्पू बंसल और कुछ अन्य के परिसरों की भी धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास में प्रवर्तन निदेशालय की टीम सोमवार की सुबह से ही छापामार कार्रवाई कर रही है. बघेल के कुल 14 ठिकानों पर एक साथ टीम ने छापा मारा है. दोपहर में टीम उनके घर के अंदर नोट गिनने की मशीन ले जाती हुई नजर आई.
पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. सोमवार, 10 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने बघेल के कुल 14 ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की है. ईडी ने बघेल के भिलाई आवास सहित 14 जगहों पर छापा मारा है. पूरा मामला शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा बताया गया है. दोपहर के समय में ईडी के वरिष्ठ अधिकारी उनके आवास में नोट गिनने वाली मशीन लेकर पहुंचे. अंदेशा लगाया जा रहा है कि उनके आवास में बड़े मात्रा में कैश मिला है.
उन्होंने कहा कि चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं, इसलिये उस परिसर पर भी छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि संदेह है कि वह (चैतन्य बघेल) शराब घोटाले के अपराध से हुई आय के ‘‘प्राप्तकर्ता’’ हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में करीब 14-15 परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि बघेल परिवार के खिलाफ छापेमारी ऐसे दिन ‘‘सुर्खियों का प्रबंधन करने’’ की “साजिश” है, जब संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ है और सरकार को कई मुद्दों पर विपक्ष के सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
छापेमारी के तुरंत बाद, भिलाई में बघेल के घर के बाहर कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता एकत्र हो गये और दावा किया कि यह केंद्र की साजिश है। ईडी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले’ के कारण राज्य के राजस्व को ‘‘भारी नुकसान’’ हुआ और इस अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई शराब ंिसडिकेट के लाभार्थियों की जेब में गई।
इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था।
ईडी के अनुसार, कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इस जांच के तहत ईडी ने अब तक विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
शीर्ष अदालत ने 2024 में इस मामले में ईडी की पहली ईसीआईआर (प्राथमिकी) खारिज कर दी थी, जो आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित थी। तब ईडी ने उसके द्वारा जुटाये गये सबूतों के आधार पर आरोपियों के विरूद्ध छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू)/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को नयी प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया और फिर उसने खुद नया मामला दर्ज किया।
सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ED के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है. अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है. -भूपेश बघेल
ईओडब्ल्यू/एसीबी ने पिछले साल 17 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी तथा लखमा और पूर्व सचिव विवेक धंड समेत 70 व्यक्तियों एवं कंपनियों को नामजद किया था। उससे करीब एक माह पहले भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को हराया था।