Home छत्तीसगढ़ ‘नक्सलियों के पास सिर्फ 14 टॉप लीडर बचे, 400 हथियारबंद माओवादी ही...

‘नक्सलियों के पास सिर्फ 14 टॉप लीडर बचे, 400 हथियारबंद माओवादी ही एक्टिव’

30
0

रायपुर – छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। मार्च 2026 तक को नक्सलवाद मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। माओवादियों के खात्मे के लिए केंद्र सरकार टारगेट के 365 दिन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। बस्तर के आईजी पी सुंदरराज के अनुसार, नक्सलियों संगठनों के पास सिर्फ 12 से 14 नक्सली कमांडर बचे हैं। बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। जिस कारण से नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहे हैं।

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए आईजी पी सुंदरराज ने बताया- “जनवरी 2024 से अब तक 300 से ज़्यादा माओवादी मारे जा चुके हैं, ऐसे में बस्तर संभाग में बमुश्किल 400 हथियारबंद कैडर बचे हैं। उन्होंने कहा कि माओवादियों की सेंट्रल कमेटी भी काफी कमजोर हो गई है और उसके पास सिर्फ 12-14 एक्टिव कमांडर बचे हैं। ये संख्याएं सुरक्षा एजेंसियों को भरोसा दिलाती हैं कि वे मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प को पूरा करने में सक्षम होंगी।”

केवल 1200 नक्सलवादी बचे

आईजी ने कहा कि बस्तर संभाग में अब केवल 1,200 माओवादी बचे हैं। उनके लिए हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने या सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ का दरवाज़ा खुला है। 2021 से अब तक 385 नक्सलियों के मारे जाने के बाद, बस्तर में लगभग 400 नियमित सशस्त्र कैडर बचे हैं। बाकी 700-800 मिलिशिया पुरुष हैं जो सपोर्ट सिस्टम के रूप में काम करते हैं, वे चेतना नाट्य मंच और दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ जैसे सांस्कृतिक विंग के सदस्य हैं। सेंट्रल कमेटी भी सिकुड़ रही है। हमारी मुख्य चिंता- वर्दीधारी लोग हैं, जो ज़्यादातर PLGA संरचनाओं और बटालियन 1 के वरिष्ठ स्तर के कैडर हैं।

प्रभुत्व का क्षेत्र कम हुआ

पी सुंदरराज ने कहा- अगर अगले साल नक्सलवाद वास्तव में खत्म हो जाता है, तो कोई भी गारंटी नहीं दे सकता है कि 31 मार्च, 2026 के बाद कोई हिंसा नहीं होगी, लेकिन नक्सलियों को खत्म करने के पूरे अभियान का फोकस एक बिंदु एजेंडे पर आधारित नहीं है। उनके प्रभुत्व का क्षेत्र कम हो गया है, उनकी ताकत पहले जैसी नहीं रही, सुरक्षा शिविर लोगों की चाहत के मुताबिक विकास ला रहे हैं, इसलिए हमें वांछित लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीद है।”