चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री भगवंत मान सदन में दिखाई नहीं दिए। मान की अनुपस्थिति में सदन और सरकार की जिम्मेदारी पंजाब आम आदमी पार्टी प्रमुख अमन अरोड़ा ने संभाली। उन्होंने विभिन्न विभागों के सवालों का जवाब दिया, बल्कि दूसरे कैबिनेट सहयोगियों को भी सदन में जवाब तैयार करने में मदद की। पार्टी विधायकों को विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरने से रोकने के लिए उन्होंने ‘फरमान’ भी जारी किया। विपक्ष के नेता के आप विधायक दल-बदल के लिए तैयार वाले दावे का भी उन्होंने जमकर मुकाबला किया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री भगवंत मान की तबियत ठीक न होने के कारण वह सत्र के पहले दिन उपस्थित नहीं हो पाए। ऐसे में कैबिनेट मंत्री और प्रदेश आप प्रमुख अरोड़ा ने सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह मोर्चा संभाला। मान शनिवार को बठिंडा गए थे।
वहां बाबा फरीद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे, लेकिन तबियत बिगड़ने के कारण वह इसमें शामिल नहीं हो सके और रविवार को चंडीगढ़ लौट आए। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें उच्च रक्तचाप और आंखों की समस्या थी। हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि उनकी सामान्य रूप से तबियत खराब थी।
नवंबर में पार्टी प्रमुख नियुक्त होने के बाद पहली बार विधानसभा की कार्यवाही में भाग ले रहे अरोड़ा ने रणनीति बनाने के लिए आप विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता की। सदन में भी वे पूरी तरह नियंत्रण में दिखे। कैबिनेट में मान और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के बाद तीसरे नंबर पर आने वाले अरोड़ा विपक्षी सदस्यों के हमलों का जवाब देते और स्थिति संभालते नजर आए।