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कांग्रेस ने USAID, विदेशी फंडिंग पर सरकार को श्वेत पत्र लाने की दी चुनौती, बीजेपी से माफी की मांग की

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नई दिल्ली – कांग्रेस ने ‘यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड) की ओर से वित्तपोषण से जुड़ी एक खबर को लेकर शुक्रवार को बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि अब सच्चाई सामने आने के बाद सत्तारूढ़ दल को माफी मांगनी चाहिए। साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा कि ‘यूएसएड’ और अन्य ऐसी विदेशी एजेंसियों द्वारा पिछले 70 वर्षों के दौरान भारत में की गई ‘फंडिंग’ पर श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए।

अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की इस खबर में दावा किया गया है कि ‘यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड) की ओर से मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मंजूर की गई 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारत नहीं बल्कि बांग्लादेश के लिए थी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर यह खबर साझा करते हुए पोस्ट किया, ‘‘झूठ सबसे पहले वाशिंगटन में बोला गया। फिर झूठ को बीजेपी की झूठ सेना द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया… अब झूठ का पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है।’’ उन्होंने सवाल किया कि क्या झूठे लोग माफी मांगेंगे?

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक हफ्ते से एक कहानी चलाई रही है कि यूएसएड ने नरेन्द्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर दिए। अगर इतनी सुरक्षा एजेंसियों के होते हुए भी मोदी सरकार ने भारत में 2.1 करोड़ डॉलर आने दिए तो ये शर्म की बात है। वहीं, जब इस बारे में मोदी सरकार से सवाल पूछा गया तो कहने लगे- ये पैसा 2012 में संप्रग सरकार के समय आया था। ऐसे में क्या 2014 में बीजेपी और नरेंद्र मोदी इसी पैसे से जीते थे?’’

पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री लगातार यूएसएड के अधिकारियों से मुलाकात करते हैं। 2024 में पीयूष गोयल 2030 तक ‘जीरो कार्बन उत्सर्जन’ के लिए यूएसएड से पैसे लेते हैं। 10 नवंबर 2022 को देवेंद्र फडणवीस यूएसएड से आपसी सहयोग की चर्चा करते हैं। 2016 में नोटबंदी से ठीक पहले नरेंद्र मोदी यूएसएड से कैशलेस इकोनॉमी पर समझौता करते थे। तो क्या ये नोटबंदी अमेरिका के कहने पर हुई? कोविड में नरेंद्र मोदी जी ने यूएसएड से $100 मिलियन लिया, तो क्या नरेंद्र मोदी भी उनके हाथों में खेल रहे हैं? बीजेपी को बोलने से पहले सोच लेना चाहिए और संघ का इतिहास देख लेना चाहिए।

उन्होंने एक अंग्रेजी दैनिक की खबर का हवाला देते हुए कहा कि सच्चाई ये है कि यूएसएड के ये 2.1 करोड़ डॉलर बांग्लादेश के गैर सरकारी संगठनों को गए हैं। खेड़ा ने दावा किया, ‘‘एक समय भारत के प्रधानमंत्री के पद की ऐसी साख होती थी कि अमेरिका तक को पीछे हटना पड़ता था, लेकिन आज अमेरिका से बांग्लादेश में 2.1 करोड़ डॉलर आ गए, पर नरेन्द्र मोदी को कुछ पता ही नहीं।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘ये आपका कैसा सूचना तंत्र है। ये आपका कैसा खुफिया तंत्र है। क्या बांग्लादेश में आई अस्थिरता का असर भारत पर नहीं पड़ेगा ।’’

पवन खेड़ा ने कहा कि हम यूएसएड या किसी फंडिंग एजेंसी के खिलाफ नहीं हैं। देश में फंडिंग के लिए कानून हैं, जिनके तहत बीजेपी से जुड़े एनजीओ भी फंड लेते हैं, लेकिन जानबूझकर सिर्फ कांग्रेस का नाम लेना गलत है। जब स्मृति ईरानी यूएसएड की ब्रांड एंबेसडर थीं और सिलेंडर लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करती थीं, तो क्या वो प्रदर्शन यूएसएड करवा रहा था? • अन्ना हजारे ने दिल्ली में आंदोलन किया, हमारी सरकार यहां हारी, फिर वो अमेरिका गए और रोड शो किया। फोर्ड फाउंडेशन का पैसा आता था, उसमें आरएसएस भी शामिल था। सच्चाई ये है- नरेंद्र मोदी, ट्रंप से एकतरफा रिश्ता निभाते हुए देश की साख पर बट्टा लगा रहे हैं।