Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के इस फैसले से छत्तीसगढ़ के...

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के इस फैसले से छत्तीसगढ़ के 35 हजार अधिवक्ताओं को मिलेगी राहत

32
0

बिलासपुर – छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच के समक्ष पीआईएल पर सुनवाई हुई। छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल के सिकरेट्री ने शपथ पत्र पेश करते हुए बताया कि 13 फरवरी को बैठक आयोजित की गई थी। इसमें प्रारंभिकतौर पर संभावित चुनाव कार्यक्रम तैयार किया गया है। 10 मार्च तक मतदाता सूची बनाने का कार्य किया जाएगा। इसके बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। मतदान 18 जुलाई को होगा। मतगणना 7 अगस्त को की जाएगी।

बार कौंसिल आफ इंडिया की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने बताया कि स्टेट बार कौंसिल का चुनाव कार्यक्रम पूर्व के नियमों के अनुसार तैयार किया जा रहा है। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 30 जनवरी 2015 की अधिसूचना के अनुसार मतदाता सूची तैयार करने की अवधि में बढ़ोतरी की गई है। पहले 150 की अवधि तय की गई थी। अब इसे बढ़ाकर 180 दिन कर दिया गया है। जरुरी बदलाव के चलते चुनाव प्रक्रिया सितंबर तक पूरी होगी। बार कौंसिल आफ इंडिया के अधिवक्ताओं के जवाब के बाद डिवीजन बेंच ने स्टेट बार कौंसिल के अधिवक्ता से पूछा कि नए नियमों के अनुसार चुनाव कार्यक्रम क्यों नहीं बनाया गया।

छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल का चुनाव फरवरी 2015 में हुआ था। नियमों के अनुसार कार्यकाल फरवरी 2020 को पूरा होना था। कोरोना संक्रमण के चलते बार कौंसिल आफ इंडिया ने दो चरण में स्टेट बार कौंसिल का कार्यकाल छह-छह महीने के लिए दो बार बढ़ाया। कार्यकाल बढ़ाने के बाद भी जब तय समयावधि में चुनाव नहीं हो पाया तब बार कौंसिल आफ इंडिया ने चुनाव प्रक्रिया पूरी होते तक विशेष कमेटी का गठन किया। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के महाधिवक्ता को अध्यक्ष व दो अधिवक्ताओं को कार्यकारी सदस्य के रूप में नामित किया गया।

नए अधिवक्ताओं के रजिस्ट्रेशन, अधिकारों की रक्षा, कानून सुधारों को बढ़ावा देना, सेमिनार आयोजित करना, पत्रिकाओं का प्रकाशन, कानूनी सहायता, चुनावों के लिए धन प्रबंधन, विश्वविद्यालयों का दौरा, कल्याणकारी योजनाओं का संचालन और विधि पुस्तकालयों की स्थापना जैसे कार्य नहीं हो पा रहे हैं।