रायपुर / बालोद – बीजापुर में हुई नक्सली मुठभेड़ में नक्सलियों की मांद में घुसकर लोहा लेते बलिदान हुए बालोद के वीर सपूत वासित कुमार का पार्थिव शरीर सोमवार को गृह ग्राम पहुंचा। पार्थिव शरीर जब बालोद पहुंचा तो गृह ग्राम से लेकर मुख्यालय तक लोगों की आंखें पसीज गईं। वीर सपूत की इस अंतिम यात्रा में शहादत को सलाम करते हुए गांव के युवा साथियों ने रैली निकाली। पार्थिव शरीर जब शहीद के घर पहुंचा तो परिवार बेसुध हो गया। पत्नी की सिसकती चीखों से पूरा गांव सन्न हो गया। जिले के विधायक और सभी वरिष्ठ नेता भी बलिदान जवान को नमन करने पहुंचे।
पूरा गांव वासित कुमार अमर रहे के नारों से गूंज उठा। यहां पर पुलिस और प्रशासन के सभी आला अधिकारी पहुंचे। एसटीएफ के अधिकारी कर्मचारी भी पहुंचे। बलिदान वासित कुमार की दो बेटियां हैं, जिन्हें ये भी नहीं पता कि उनके पिता के साथ हुआ क्या है। महिला पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी महिलाओं को संभालते रहे, लेकिन महिलाओं के आंसू थामने का नाम नहीं ले रहे थे। परिवार की वेदना देख पूरा गांव और भीड़ भी रो पड़ी।
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श्रद्धांजलि अर्पित करने आए पूर्व मंत्री एवं विधायक अनिला भेड़िया ने कहा कि हमारे जिले का लाल बलिदान हुआ है। हम गौरवान्वित हैं और हम सब की संवेदनाएं उनके परिवार वालों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार से मैं यह गुजारिश करती हूं कि जो भी सुविधा सरकार से मिलती है, उन्हें दिया जाए। उन्होंने कहा कि उन माता-पिता को मेरा नमन है, जिन्होंने इस सपूत को जन्म दिया। इसी के साथ ही विधायक कुंवर सिंह निषाद और संगीता सिन्हा ने कहा कि बालोद जिले का लाल बलिदान हुआ है। बड़ी दुखद खबर है, लेकिन उन्होंने नक्सलियों से लोहा लिया और नक्सलियों को भी मौत के घाट उतारा और देश की रक्षा करते-करते बस्तर और छत्तीसगढ़ के विकास के लिए उन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
नक्सली खात्मे की ओर अग्रसर हैं
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष चेमन देशमुख, पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू, वरिष्ठ भाजपा नेता कृष्णकांत पवार, राकेश यादव ने भी इस दुख के समय में परिवार के साथ खड़े रहने की बात कहते हुए कहा कि सरकार अब नक्सली खात्मे की ओर अग्रसर हैं और जो झुंझलाहट है उसका यह परिणाम है।