नई दिल्ली – दिल्ली से आप की खिसकती जमीन को लेकर तमाम तरह के रिएक्शन आ रहे हैं। इसी बीच, सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आप की हार को लेकर कहा- अरविंद केजरीवाल ने मेरी एक नहीं सुनी। मैंने उनके कई बार कहा- लेकिन उनके दिमाग में बात नहीं घुसी।
अन्ना हजारे ने कहा
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में शराब की दुकानों को लेकर मुद्दा उठाया। शराब की बात आई क्यों, क्योंकि उन्हें धन-दौलत चाहिए थी। इसी शराब के चलते वो बदनाम हुए और लोगों को मौका मिल गया। अन्ना ने कहा- चुनाव लड़ते समय कैंडिडेट का चरित्र साफ और बेदाग होना चाहिए। उसके विचार अच्छे होने चाहिए। लेकिन उन्हें ‘आप’ को ये बात समझ नहीं आई। वे शराब और पैसे में उलझ गए, जिससे इमेज खराब हुई। यही वजह है कि जनता उनसे दूर हो रही है और कम वोट मिले।
चरित्र की बात करने वाले शराब में लिप्त रहे
अन्ना हजारे ने कहा- पब्लिक ने देखा कि कैसे अरविंद केजरीवाल चरित्र की बात करते हैं लेकिन शराब में लिप्त रहते हैं। बता दें कि अन्ना हजारे ने कांग्रेस सरकार के भष्टाचार के विरोध में कठोर कानून बनाने के लिए 5 अप्रैल 2011 से नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर आमरण अनशन शुरू किया। उनका उद्देश्य भारत सरकार को जन-लोकपाल बिल पारित करने के लिए बाध्य करना था। हालांकि, कांग्रेस सरकार ने इस पर कोई ठोस उपाय नहीं किया, जिसके बाद 16 अगस्त 2011 से अन्ना ने दोबारा आंदोलन शुरू किया। उनके अनशन को संपूर्ण भारत में भारी समर्थन मिला।
केजरीवाल ने बनाई आम आदमी पार्टी
आंदोलन में जब सुनवाई नहीं हुई तो अन्ना हजारे को पार्टी बना कर चुनाव लड़ने की घोषणा करनी पड़ी। लेकिन जब पार्टी बनाने की बात आई तो अन्ना ने उसमें शामिल होने से यह कहते हुए मना कर दिया कि राजनीति तो कीचड़ है। इसके बाद 26 नवम्बर 2012 को अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी बनाई गई। 4 दिसम्बर 2012 को हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में से 28 सीटों पर जीत मिली।