अयोध्या – राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पिछले साल 22 जनवरी को की गई थी। इस ऐतिहासिक दिन को आज एक साल हो गया है। आज पूरे देश में राम मंदिर की वर्षगांठ मनाई जा रही है। अयोध्या राम मंदिर की पहली वर्षगांठ की खुशी में जगह-जगह राम कथा, रामायण की झाकियां, भागवत का आयोजन किया जा रहा है। साल 2024 से अब तक करोड़ों की संख्या में अयोध्या के राम मंदिर में दर्शन कर चुके हैं लेकिन अगर किसी कारणवश आपको राम मंदिर में दर्शन का सौभाग्य अभी तक प्राप्त नहीं हो पाया है, तो राम मंदिर की ये खास बातें जानकर आपका मन भी अयोध्या की यात्रा पर निकलने का करने लगेगा। आइए, जानते हैं राम मंदिर की खास बातें।
अयोध्या राम मंदिर को पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है। नागर शैली का अर्थ है, प्राचीन काल में उत्तर भारत में मंदिर बनाने का एक खास तरीका था, जिसे नागर शैली कहते हैं। इसमें मंदिर एक ऊँचे चबूतरे पर बनता था। सीढ़ियों से ऊपर चढ़कर मंदिर में पहुंचते थे। नागर शैली उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध हुई। यह उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला का एक अहम हिस्सा है। राम मंदिर 380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है।
अयोध्या में बन रहा भव्य राम मंदिर तीन मंजिला है। हर मंजिल 20 फीट ऊंची है। मंदिर में 392 खंभे और 44 द्वार बनाए गए हैं। गर्भगृह में प्रभु श्रीराम यानी बाल रूप श्री रामलला को स्थापित किया गया है।यहां श्याम वर्ण वाले श्रीराम की नई मूर्ति 5 साल के बालक स्वरूप में कमल पर विराजित है, जिसकी लंबाई 8 फीट है। ये प्रतिमा मैसूर के अरुण योगीराज ने बनाई है। पहली मंजिल पर श्रीराम दरबार बना हुआ है। मंदिर में पांच मंडप भी हैं, जिनके नाम नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप हैं। साथ ही पूरे मंदिर पर उकेरी गई वास्तुकला मंदिर को चार चांद लगाती है।
अयोध्या राम मंदिर के अंदर एक विशाल परिसर बनाया गया है। इसमें 732 मीटर लंबा और 14 फीट चौड़ा एक आयताकार परकोटा बनेगा। चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति और भगवान शिव के मंदिर बनाए गए हैं। उत्तरी दीवार पर मां अन्नपूर्णा और दक्षिणी दीवार पर हनुमान जी का मंदिर भी स्थापित किया गया है। इसके अलावा मंदिर पर अद्भुत वास्तुकला भी उकेरी गई है।