नई दिल्ली – बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हमला करने वाले अटैकर की तस्वीर सामने आई है। संदिग्ध की पहचान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई है। पुलिस ने आरोपी की पहचान करने के लिए मोबाइल डेटा डंप टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। ऐसे में सवाल है कि आखिर डेटा डंप (Data Dump) क्या होता है और इससे कैसी आरोपी की पहचान होती है। यहां बताने वाले हैं.
क्या होता है डेटा डंप?
डेटा डंप को सेलफोन डंप या मोबाइल फोन डंप के नाम से भी जाना जाता है। इसके जरिये किसी भी व्यक्ति का डेटा निकाला जा सकता है। इस डेटा में कॉल लॉग, टेक्स्ट मैसेज, ईमेल, फोटो, वीडियो, एप्लिकेशन डेटा, ब्राउजिंग हिस्ट्री के साथ-साथ बहुत कुछ शामिल होता है। आमतौर पर ऐसा उस वक्त किया जाता है, जब जांच एजेंसियों या पुलिस को किसी अपराधी की छानबीन करनी होती है।
सेल टावर क्या करते हैं?
इसमें पुलिस सबसे पहले नेटवर्क के बारे में पता करती है कि कोई व्यक्ति कौन-से नेटवर्क एरिया में था। यह फोन में लोकेशन फीचर के जरिये पॉसिबल हो पाता है। इसमें सेल टावर्स की भी भूमिका अहम रहती है। स्मार्टफोन के जरिये हम जो भी एक्सेस कर होते हैं, वह पूरा डेटा सेल टावर्स के पास मौजूद रहता है। भले ही यूजर उस डेटा को डिलीट ही क्यों न कर दे
DEMS का अहम रोल?
फोन डंप डेटा निकालने के लिए DEMS यानी ‘डिजिटल एविडेंस मैनेजमेंट सिस्टम’ का भी इस्तेमाल किया जाता है। DEMS वह जगह होती है, जो डिजिटल एविडेंस को संभालने और व्यवस्थित रखने का काम करती है। बता दें इस डेटा को कोई भी नहीं निकलवा सकता। इसके लिए जांच एजेंसियों को जरूरी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। साथ ही बहुत सारा डेटा टेलीकॉम कंपनियों के पास भी मौजूद होता है
क्या है मामला?
सैफ अली खान पर 16 जनवरी को करीब रात 2 बजे जानलेवा हमला हुआ है। मुंबई में बांद्रा स्थित एक्टर के घर में एक हमलवार ने उनपर चाकू से अटैक कर दिया, जिसमें सैफ बुरी तरह जख्मी हो गए। इस हमले में सैफ अली खान बुरी तरह से घायल हो गए हैं। अभिनेता के शरीर पर 6 अलग-अलग जगह पर चाकू लगा। उनकी गर्दन, हाथ और पीठ पर गहरे घाव हैं। डॉक्टर्स ने बताया है कि सर्जरी के दौरान उनकी रीढ़ की हड्डी में से 2.5 इंच का चाकू का टुकड़ा निकाला गया है। फिलहाल एक्टर की हालत में सुधार है और उनको आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।