रायपुर – स्वतंत्रता सेनानी पं. लखनलाल मिश्र की मूर्ति अनावरण के अवसर पर उनके सुपुत्र, श्री गणेश शंकर मिश्र (सेवानिवृत्त आईएएस) द्वारा दिए गए भावनात्मक भाषण का अंश है। श्री मिश्र ने इस अनावरण में 6 वर्षों की देरी पर गहरी पीड़ा व्यक्त की और यह सवाल उठाया कि समाज किस दिशा में जा रहा है, जहाँ स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति भी ओछी राजनीति का शिकार बन जाती है।
अपने भाषण में श्री गणेश शंकर मिश्र ने न केवल एक बेटे के रूप में अपनी वेदना प्रकट की, बल्कि इस महान कार्य में सहयोग देने के लिए छत्तीसगढ़ स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के सभी सदस्यों का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने इस संगठन की सराहना करते हुए कहा कि यह उन गुमनाम नायकों को उनका उचित सम्मान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जो स्वतंत्रता संग्राम में अपने जीवन का बलिदान देकर देश के भविष्य को संवारने का कार्य करते रहे।
दुर्ग शहर में आयोजित इस अनावरण कार्यक्रम में श्री मिश्र ने समाज को यह संदेश दिया कि स्वतंत्रता संग्राम के नायकों का सम्मान किसी भी राजनीतिक विचारधारा से ऊपर है और उनके योगदान को भुलाया नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह मूर्ति सिर्फ पत्थर नहीं है, बल्कि यह पं. लखनलाल मिश्र के बलिदान और संघर्ष की जीवंत गाथा है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। इस वीडियो के माध्यम से हम स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान और उनके आदर्शों के महत्व को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं।