बिलासपुर – अयोध्या, काशी और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तरह अब छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर को भी भव्य कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। इस परियोजना को लेकर सरकार ने अपनी योजना पर काम तेज कर दिया है।
राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) की बैठक में केंद्रीय शहरी एवं आवास राज्य मंत्री और बिलासपुर सांसद तोखन साहू ने अधिकारियों को विस्तृत योजना तैयार करने के निर्देश दिए। इसके तहत मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की रूपरेखा बनाई जा रही है।
प्राचीन इतिहास से जुड़ा नगर
बिलासपुर-कोरबा मुख्य मार्ग पर स्थित रतनपुर नगर आदिशक्ति मां महामाया देवी का दिव्य धाम है। इस नगरी का गौरवशाली इतिहास राजा रत्नदेव प्रथम से जुड़ा है, जिन्होंने इसे अपनी राजधानी के रूप में स्थापित किया था। यहां स्थित महामाया मंदिर का प्राचीन वैभव और धार्मिक महत्त्व इसे देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बनाता है। हर वर्ष लाखों की संख्या में भक्त और पर्यटक यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
कॉरिडोर की प्रमुख विशेषताएं
भव्य प्रवेश द्वार और लैंडस्केपिंग
श्रद्धालुओं के लिए सुगम आवागमन
आधुनिक सुविधाओं का विस्तार
पेयजल, शौचालय और पार्किंग बनेगी
पर्यटकों के लिए रुकने की व्यवस्था
मंदिर परिसर का पूर्ण सुंदरीकरण
मंदिर परिसर का होगा कायाकल्प
महामाया मंदिर को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की योजना के तहत मंदिर परिसर का पूरी तरह कायाकल्प होगा। योजना में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक आवागमन, लाइटिंग, सुंदरीकरण और भव्य प्रवेश द्वार बनाने पर जोर दिया गया है।
इसके अलावा परिसर में आधुनिक शौचालय, पेयजल, पार्किंग सुविधा और पर्यटकों के लिए ठहरने के विशेष इंतजाम भी किए जाएंगे। यह परियोजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी ख्याति
कॉरिडोर बनने के बाद रतनपुर के महामाया मंदिर का आकर्षण और बढ़ जाएगा। राज्य में धार्मिक पर्यटन को नई पहचान मिलेगी। यह परियोजना न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करेगी, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति दिलाएगी।
आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में सीएम विष्णु देव साय से भेंट की। इस दौरान रतनपुर स्थित आदिशक्ति मां महामाया मंदिर कॉरिडोर के निर्माण को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संजोने के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
धार्मिक पर्यटन की नई दिशा
महामाया मंदिर कॉरिडोर छत्तीसगढ़ को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर नई पहचान देगा। यह परियोजना न केवल आस्था का प्रतीक बनेगी, बल्कि राज्य के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में भी सहायक होगी।