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😌 झंगलू :- भइया मंगलू , राजधानी में आजकल आध्यात्मिकता के धारा बहत हे * चारों मुड़ा धार्मिक आयोजन होवत हे । संत – महात्मा , साधू – सन्यासी , कथाकार अउ प्रवचन करने वाला मन के वाणी गूंजत हे * पूरा माहौल पवित्र अउ भक्ति भाव से ओतप्रोत लगत हे
😠 मंगलू :- कहां पवित्र अउ भक्ति भाव से ओतप्रोत माहौल हे झंगलू ? संत – महात्मा मन के मौजूदगी अउ ओखर मन के अमृत वाणी के कोई असर नइ दिखत हे * गुंडा , बदमाश , दुष्ट , अउ अपराधी मन के बोलबाला बढ़त हे । हत्या , डकैती , चोरी , मारपीट , चाकूबाजी अउ लूटपाट के घटना रोज होवत हे * राजधानी के आबोहवा में तो छल – कपट , हड़बड़ी – गड़बड़ी अउ घपला – घोटाला ही गूंजत हे
विजय मिश्रा
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