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‘BJP का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक’, छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर बोलीं प्रियंका

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नई दिल्ली  – कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकाारियों पर लाठीचार्ज को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला। वायनाड से सांसद प्रियंका ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक बन गया है।
दरअसल, बीपीएससी की 13 दिसंबर को हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने रविवार को पानी की बौछार की और हल्का बल भी प्रयोग किया। इसके साथ ही जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के अध्यक्ष समेत 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
BPSC Protest: BJP double engine is symbol of double oppression on youth Priyanka Gandhi Slams Modi Nitish Govt
दरअसल, बीपीएससी की 13 दिसंबर को हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने रविवार को पानी की बौछार की और हल्का बल भी प्रयोग किया। इसके साथ ही जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के अध्यक्ष समेत 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘बिहार में तीन दिन के अंदर दूसरी बार छात्रों पर अत्याचार किया गया। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, धांधली, पेपर लीक रोकना सरकार का काम है। लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार और लाठी चार्ज करना अमानवीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक बन गया है।
क्या है सामान्यीकरण विवाद?
जब परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्यादा होती है तो दो या उससे अधिक पालियों में परीक्षा कराई जाती है। ऐसी स्थिति में अगर किसी पाली का पेपर कठिन आता है और उसमें अभ्यर्थियों के कम नंबर आते हैं। वहीं दूसरी पाली का पेपर थोड़ा आसान होता है और उसमें अभ्यर्थियों के ज्यादा नंबर आते हैं तो सामान्यीकरण प्रक्रिया लागू होने की स्थिति में कठिन पेपर वाली पाली के अभ्यर्थियों के नंबर में थोड़ी बढ़ोतरी कर दी जाएगी। इस तरह अंकों का सामान्यीकरण कर दिया जाता है। छात्र इसका विरोध कर रहे हैं और उनका कहना है कि इससे उनकी मेरिट पर असर पड़ेगा। छात्रों की मांग है कि परीक्षा एक ही पाली में कराई जाए ताकि सामान्यीकरण की जरूरत ही न पड़े।