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जेड प्लस सिक्योरिटी में रहेंगी मनमोहन सिंह की पत्नी गुरुशरण कौर, मिलेगी बीपी बीएमडब्ल्यू

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नई दिल्ली – पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पूरे राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। नई दिल्ली के निगम बोध घाट पर दिवंगत पीएम का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर डॉ. सिंह की पत्नी गुरुशरण कौर और उनकी बेटियां मौजूद रही। 2019 में डॉ. मनमोहन सिंह का एसपीजी सिक्योरिटी कवर वापस ले लिया गया था। एसपीजी की जगह पर उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई। अब उनकी पत्नी गुरुशरण कौर को भी सीआरपीएफ जेड प्लस सुरक्षा मिलेगी।

इस सुरक्षा घेरे में उनके पास बुलेटप्रूफ वाहन भी होगा। उनके आवास पर करीब चार दर्जन जवान मौजूद रहेंगे। डॉ. मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाकर जब उन्हें सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी, तब उन्हें एसपीजी वाली हाई क्लास बुलेटप्रूफ बीएमडब्लू कार, जिसमें वे यात्रा करते थे, वही गाड़ी प्रदान कर दी गई थी। अब उनकी पत्नी गुरुशरण कौर के पास भी वही गाड़ी रहेगी।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार देर रात एम्स में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। पीएम के पद से हटने के बाद डॉ. सिंह को मोतीलाल लाल नेहरू रोड पर स्थित बंगला नंबर 3 अलॉट किया गया था। पांच साल पहले विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बहस छिड़ गई थी। वजह, 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई थी। तब विपक्ष की तरफ से कोई शोर शराबा नहीं हुआ था। कुछ माह बाद जब गांधी परिवार के सदस्यों की एसपीजी सुरक्षा हटाई गई तो विपक्ष ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि जानबूझकर और राजनीतिक कारणों से एसपीजी सुरक्षा वापस ली गई है।

केंद्र सरकार ने कहा था, खतरा कम या ज्यादा होने से सुरक्षा की श्रेणी तय होती है, न कि व्यक्ति विशेष को देखकर उसका निर्धारण किया जाता है। जब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, इंद्र कुमार गुजराल, पीवी नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस ली गई तो इनमें से किसी ने भी ऐतराज नहीं जताया था। पूर्व प्रधानमंत्रियों के अलावा इनकी पार्टी की ओर से भी विरोध की आवाज नहीं सुनाई पड़ी।

2004 से लेकर 2013 तक गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा पर करीब 18 सौ करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 2019 में एसपीजी संशोधन विधेयक पारित हुआ था। तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि वे जो संशोधन लेकर आए हैं, उसके तहत एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके साथ आवास में रहने वालों के लिए ही होगी। सरकार द्वारा आवंटित आवास पर रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को भी 5 साल की अवधि तक एसपीजी सुरक्षा मिलेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि जब डॉ मनमोहन सिंह की सुरक्षा बदली गई, तब भी किसी ने हल्ला नहीं किया। चिंता करने के दो मापदंड आखिर क्यों। गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं गई है, बल्कि उसे बदला गया है। अब उन्हें सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है। एसपीजी का गठन 1985 में बनी एक कमेटी के आधार पर हुआ था। 1985-88 तक एसपीजी एक अधिशासी आदेश के तहत काम करती रही। 1988 में एसपीजी के लिए एक कानून बनाया गया। इसके बाद साल 1991, 94, 99 और 2003 में एसपीजी सुरक्षा एक्ट में संशोधन किया गया।