बिलासपुर – छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर डीएमएफ फंड के 18 करोड़ रुपये घोटाला मामले की सुनवाई की। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि बिना टेंडर पास हुए 18 करोड़ रुपये के सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की अनुमति किसने दी और इस मामले में जिम्मेदार कौन है। कोर्ट ने उर्जा सचिव को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने के निर्देश दिए है।
बता दें, मामला बस्तर के सुकमा और आसपास के 190 गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने में फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने डीएमएफ फंड का दुरुपयोग और गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाते समय क्रेडा से अनुमति ना लेने की बात पर डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताई है।
क्रेडा की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि जब गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम किया जा रहा था उस समय विभाग ने संबंधित विभाग को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई थी। इस बात को लेकर भी विरोध दर्ज करया गया था कि बगैर टेंडर यह काम क्यों किया जा रहा है। नियमों और मापदंडों के अनुरूप काम रकने की बात भी कही गई थी। विभाग की आपत्ति पर ध्यान नहीं दिया गया।
वहीं इस मामले में सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसर ने कोर्ट को बताया कि शिकायत के बाद इस पूरे मामले की अप्रैल में जांच पूरी कर ली गई थी। कोर्ट ने इस पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जांच के बाद आपने क्या किया। जांच में आपको क्या मिला और किस पर कार्रवाई की। जांच पड़ताल के बाद आगे कार्रवाई क्यो नहीं की गई। इन सब का जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट ने उर्जा सचिव को नोटिस जारी कर शपथ पत्र में जवाब मांगा है।