बेलगावी – कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक को संबोधित करते गुए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, हम नेहरू-गांधी विचारधारा और बाबासाहेब अंबेडकर के सम्मान के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा चुनाव आयोग जैसी सभी संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है, लेकिन हम यह लड़ाई लड़ते रहेंगे।
आज कांग्रेस के इतिहास में बहुत सुनहरा दिन है। गांधीजी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के सौवें वर्ष पर बेलगांव में महात्मा गांधी नगर में ऐतिहासिक नव सत्याग्रह बैठक हो रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि चुनाव प्रक्रिया में लोगों का विश्वास धीरे-धीरे कम हो रहा है और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव नियमों में बदलाव करके यह सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है, जिसे साझा करने का आदेश अदालत ने दिया है। उन्होंने आगे कहा कि 2025 संगठन को मजबूत करने का वर्ष होगा, पार्टी में रिक्त पदों को भरा जाएगा और उदयपुर घोषणा को पूरी तरह लागू किया जाएगा। पार्टी को चुनाव जीतने के लिए आवश्यक कौशल से लैस किया जाएगा, वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध लोगों को ढूंढा जाएगा जो संविधान और भारत के विचार की रक्षा करेंगे।
‘पीएम आंबेडकर के ‘अपमान’ पर गलती स्वीकार करने को तैयार नहीं’
मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से बीआर आंबेडकर के बारे में की गई ‘बेहद अपमानजनक’ टिप्पणी को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक ‘नव सत्याग्रह बैठक’ में अपने भाषण में खरगे ने आरोप लगाया कि इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा में आंबेडकर पर शाह का बयान ‘संविधान निर्माता का बेहद अपमानजनक है। हमने आपत्ति जताई, विरोध किया, प्रदर्शन किया। अब पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री और सरकार अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘अमित शाह से माफी मांगने और इस्तीफा देने की बात तो दूर, उन्होंने आपत्तिजनक बयान का समर्थन किया।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री के बचाव में बयान जारी किया और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया।
कांग्रेस के पास विचारधारा की ताकत- खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि कांग्रेस के पास विचारधारा की ताकत है, गांधी-नेहरू की विरासत है और महान नायकों की विरासत है। उन्होंने कहा, ‘हम बेलगावी से नया संदेश और नया संकल्प लेकर लौटेंगे। इसीलिए हमने इस बैठक का नाम ‘नव सत्याग्रह’ रखा है, क्योंकि आज संवैधानिक पद पर बैठे लोग भी महात्मा गांधी के सत्याग्रह पर सवाल उठा रहे हैं।’