गरियाबंद – ब्लॉक कांग्रेस कमेटी गरियाबंद के नेतृत्व में गांधी मैदान में किसानों की समस्या को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
इस धरना प्रदर्शन के मौके ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मो. हाफिज खान ने मंडीयों में हो रही बारदाना की कमी, टोकन की समस्या, समर्थन मुल्य को 2300 रुपये दे रहे हैं जिसमें बीजेपी अपने घोषणा पत्र मे 3100 सौ देने की बात किये थे इन सभी समस्या को देखते हुए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर राज्य पाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।हाफिज खान ने कहा कि किसानों की हालत अब बर्दाश्त करने लायक नहीं रही है प्रदेश सरकार ने चुनावी वादों के बाद भी किसानों के लिए कुछ नहीं किया धान खरीदी केंद्रों पर बारदाने की कमी, टोकन वितरण में अव्यवस्था मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। यह भाजपा सरकार की निष्क्रियता का परिणाम है और हम किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करेंगे। हम किसानों की आवाज उठाने के लिए सड़कों पर हैं। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा किसानों के लिए काम किया है और हम उनकी समस्याओं को हल करने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।यह धरना सरकार को यह संदेश देने के लिए है कि हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे, जब तक किसानों को उनके अधिकार नहीं मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों के लिए जो वादे किए थे,वे सिर्फ कागजी साबित हुए हैं।हम सभी कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों के साथ खड़े हैं और सरकार से मांग करते हैं कि किसानों से उनकी पूरी धान खरीदी जाए साथ ही समर्थन मूल्य में उचित बढ़ोतरी की जाए. उन्होंने आगे कहा कि किसान हमारे समाज के अहम स्तंभ हैं, अगर उनका उत्थान नहीं होगा तो प्रदेश की प्रगति भी प्रभावित होगी।धान खरीदी केंद्रों में व्याप्त अव्यवस्था से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है और यह स्थिति को तत्काल सुधारने की जरुरत है। धान की खरीदी के मुद्दे पर सरकार की उदासीनता स्पष्ट है किसानों के अधिकारों के लिए हम कांग्रेस पार्टी के झंडे तले इस आंदोलन को तेज करेंगे।इस मौके पर मो. हाफिज खान अध्यक्ष ब्लाक कांग्रेस कमेटी, अमित मीरी, कल्याण कपिल, भानु सिन्हा,हरिश देवांगन, मोहम्मद असगर खान, छबीराम नेताम, प्रदीप यादव, शुमान नागेश, आत्माराम मरकाम, देवेश सिंहा, नंदू गोस्वामी, बाबा सोनी, नंदनी त्रिपाठी, ज्योति सहनी, सविता गिरी, सुमन देवगन समेत ढेर सारे कांग्रेसी मौजूद थे।
प्रमुख समस्याएं
बारदाने की कमी: पुराने बारदाने की भारी कमी, जिससे किसानों को धान बेचने में दिक्कत हो रही है।सरकार ने कहा था कि 50 प्रतिशत नए और 50 प्रतिशत पुराने बारदाने का उपयोग किया जाएगा।लेकिन पुराने बारदाने समितियों तक नहीं पहुंचे हैं टोकन की अव्यवस्थित व्यवस्था: किसानों को टोकन मिलने में लंबा समय लग रहा है। कई बार किसानों को निर्धारित तारीख के 7 से 10 दिन बाद धान बेचने के लिए बुलाया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक कांटों की गलत तौलाई: किसान भाईयों को 1.5 से 2.5 किलो तक की अतिरिक्त तौलाई का नुकसान हो रहा है। जो कि उनकी मेहनत का सटीक मूल्य नहीं मिल पा रहा है। धान उठाव की कमी सोसायटियों में धान उठाव की उचित व्यवस्था नहीं हो रही है. जिससे बोरे जमा हो गए हैं और जगह की भारी कमी हो रही है। खरीदी की दर में गड़बड़ी अनावरी रिपोर्ट में गलत आंकड़े दिखाए जा रहे हैं और किसानों से पूरी 21 क्विंटल धान नहीं खरीदी जा रही है। समर्थनमूल्य की मांग भाजपा सरकार ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल का वादा किया था, लेकिन किसानों को अभी तक पूरा भुगतान नहीं हुआ। कांग्रेस ने 3217 रुपये प्रति क्विंटल की मांग की है।