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सुखबीर सिंह बादल पर हमला – कौन हैं ASI जसबीर सिंह? जिन्होंने बचाई सुखबीर की जान, सुनिए उनकी जुबानी हमले की कहानी

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अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की जान बचाने वाले पुलिस अधिकारी एएसआई जसबीर सिंह की हर तरफ तारीफ हो रही है। उन्होंने मुस्तैदी दिखाते हुए हमलवार को गोली चलाने से पहले धर लिया, जिस वजह से गोली दीवार पर जा लगी।

अमृतसर – बेल्ट नंबर 1342… ये बेल्ट नंबर उस पुलिस अधिकारी का है, जिन्होंने गोल्डन टेंपल में पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की जान बचाई। बुधवार को पंजाब के अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल पर फायरिंग की घटना से हर कोई स्तब्ध है। हालांकि सिविल ड्रेस में तैनात सुखबीर बादल के सुरक्षा कर्मी एएसआई जसबीर सिंह ने मुस्तैदी दिखाते हुए हमलावर को पकड़ लिया। हमलावर ने गोली चला दी थी, लेकिन एएसआई जसबीर सिंह ने उसका हाथ पकड़ लिया, जिससे गोली हवा में निकल गई और गोली दूसरी तरफ दीवार पर लगी।

असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (एएसआई) जसबीर सिंह ने इस घटना के बारे में बताया कि उनकी ड्यूटी सुखबीर बादल के साथ लगी है। एएसआई जसबीर सिंह अमृतसर सिटी पुलिस थाना में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने उन्हें पहले ही बताया था कि यहां कुछ भी अनहोनी घटना हो सकती है। इसको लेकर हम सिविल ड्रेस में पूरी तरह मुस्तैद थे। बुधवार को जसबीर सिंह शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल के साथ तैनात थे।
एएसआई जसबीर सिंह ने बताया कि जैसे ही हमलावर सामने आया तो मेरी नजर उप सर पड़ी। उसने जैसे ही बंदूक निकाली और तुरंत गोली चलाने लगा। तभी जसबीर सिंह हमलावर के पास पहुंच गए और फायरिंग करने से पहले ही उसका हाथ पकड़ लिया। इस वजह से गोली दूसरी तरफ दीवार पर जा लगी। हमलावर को तुरंत हिरासत में लेकर उसके हाथ से बंदूक छीन ली।
किसी की तलाशी नहीं ले सकते
एएसआई सिंह ने बताया कि दरबार साहिब की मर्यादा को देखते हुए यहां आने वाले श्रद्धालुओं की तलाशी नहीं ले सकते थे। किसी को आने से भी नहीं रोक सकते। लेकिन मौके पर मुस्तैदी से तैनात खड़े होने की वजह से इस घटना को टाल दिया गया है।
सिविल ड्रेस में तैनात थे 200 पुलिस कर्मी 
वहीं, इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान भी आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रधान अमन अरोड़ा ने कहा कि स्वर्ण मंदिर में पहले से ही 200 पुलिस जवानों को सादी वर्दी में तैनात किया हुआ था। पुलिस जवान हर संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रख रहे थे। इसी का नतीजा है कि इतनी बड़ी घटना को टाल दिया गया। पुलिस की मुस्तैदी से आरोपी को मौके से पकड़ लिया गया।

अरोड़ा ने कहा कि किसी को भी पंजाब की शांति खराब करने की इजाजत नहीं दे जाएगी। इस हमले के पीछे और भी व्यक्ति शामिल है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। शिअद की तरफ से सीबीआई जांच की मांग पर कहा कि सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है, पंजाब पुलिस इस मामले में जांच करने में सक्षम है।

दुर्भाग्यपूर्ण घटना टल गई- स्पीकर संधवां
पंजाब के विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि गुरु की शरण में आने वाला हर प्रकार का व्यक्ति गुरु के घर में गुरु को रक्षक समझ कर आता है। गुरु का सम्मान और भय बहुत जरूरी है। पंजाब पुलिस के कर्मचारी बधाई के पात्र हैं, जिनकी तत्परता से श्री दरबार साहिब में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना टल गई।