रायपुर – चक्रवाती तूफान फेंजल के असर से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। सुबह से छाए काले बदलों के बाद दोपहर में बारिश का दौर शुरू हो गया है। जिसके बाद पारा तेजी से गिर गया। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और बस्तर संभाग के जिलों हल्की बूंदाबादी से ठंड बढ़ गई। इधर बलरामपुरा में कड़ाके की ठंड से जनजीवन प्रभावित हुआ है। वहीं प्रदेश के कुछ इलाकों में आज दोपहर के समय तेज बारिश हुई, जिससे प्रदेश के किसानों की चिंता अब बढ़ती जा रही है। बेमौसम बारिश ने उनकी फसलों को बर्बाद होने के खतरे में डाल दिया है। धान मंडियों में भी किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मंडियों में धान नहीं बिक पाने के कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
रायपुर में बारिश से जनजीवन प्रभावित
राजधानी रायपुर में बीते दो दिनों से चक्रवात फेंजल का असर दिख रहा है। शनिवार को दिनभर बादल छाए रहे। वहीं आज सुबह भी बादलों का घेरा रहा। दोपहर बाद बारिश शुरू हो गई। बारिश के बाद पार लुढ़क गया। इधर दुर्ग संभाग के कई जिलों में भी दिनभर हल्की बूंदाबांदी से जनजीवन ठहर गया। बिलासपुर संभाग के कई जिलों में देर रात बारिश हुई। वहीं आज भी हल्की बूंदाबांदी से लोग घर में दुबके रहे।
अगले चार दिनों तक राहत के आसार नहीं
मौसम विभाग के विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने कहा कि, चक्रवाती तूफान फेंजल शनिवार को तमिलनाडु के तटों से दूर निकल जाएगा जिसके प्रभाव से अगले चार दिनों तक छत्तीसगढ़ के एक-दो स्थानों पर बूंदाबांदी होने की संभावना है। वहीं अगले दो-तीन दिन न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ोतरी होने की भी संभावना है। दुर्ग जिले में सुबह कोहरा रह सकता है वहीं दोपहर तक बादल छाए रहेंगे।
तूफान ने रोकी चेन्नई और पुणे फ्लाइट की उड़ान
रायपुर फेंगल तूफान के चलते चेन्नई और पुणे फ्लाइट को निरस्त कर दिया गया है। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर में शनिवार को दोनों फ्लाइट का संचालन नहीं किया गया। यह फ्लाइट दोपहर 3.20 को रायपुर आने के बाद पुणे के लिए शाम 3.50 को उड़ान भरती है। लेकिन, चेन्नई में तूफान आने के कारण इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट को निरस्त कर दिया गया।
किसानों की बढ़ी चिंता
खराब मौसम के बीच सबसे ज्यादा चिंतित किसान हैं। धान कटाई के बाद किसानों ने अपनी उपज खेतों में ही रख दी है। वहीं खरीदी केंद्रों में भी धान खुले में रखा है। ऐसे में बारिश के कारण बड़ा नुकसान होने का आशंका है। सेवा सहकारी समितियों को शासन ने तिरपाल व कैप कवर का इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं लेकिन केंद्रों में फटे तिरपाल व कैप कवर से धान को सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।