मुंबई / नई दिल्ली – महाराष्ट्र की महाभारत आज खत्म होने वाली है. महायुति के रूप में सियासी रण का विजेता मिल गया है. अब तक के नतीजों की मानें तो महाराष्ट्र में एक बार फिर से महायुति की सरकार बनती दिख रही है. अब अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं होता है तो महाराष्ट्र में महायुति की ही सरकार बनेगी. महाराष्ट्र में महायुति की सुनामी में एमवीए पूरी तरह उड़ चुकी है. भाजपा ने शिंदे और अजित पवार के साथ मिलकर शरद-उद्धव और कांग्रेस को पानी पिला दिया. अकेली भाजपा के स्ट्राइक रेट के सामने पूरी महाविकास अघाड़ी पानी भरती दिख रही है. कुल मिलाकर महायुति ने महाविकास अघाड़ी से लोकसभा चुनाव का बदला ले लिया है. भले ही महाराष्ट्र का सियासी दंगल खत्म हो गया, मगर महायुति की असल टेंशन तो यहां से शुरू होती है.
दरअसल, महाराष्ट्र चुनाव की यह जीत अपने साथ महायुति के लिए एक बड़ी टेंशन लेकर आई है. महाविकास अघाड़ी के साथ सियासी दंगल खत्म हो गया. अब असल दंगल महायुति के अंदर होगा. वह भी मुख्यमंत्री पद को लेकर. महायुति के पक्ष में नतीजे दिखते ही सीएम पद को लेकर अटकलों बयानबाजी शुरू हो गई. महायुति में सीएम पद को लेकर देवेंद्र फडणवीस के नाम की चर्चा जोरों पर है. खुद भाजपा नेता खुलकर कहने लगे हैं कि देवेंद्र फडणवीस ही अगले सीएम होंगे. खुद एकनाथ शिंदे भी इस पर खुलकर कुछ बोलने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि अभी तक मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति में कोई फैसला नहीं हुआ है.
भाजपा खेलती रहेगी बिहार वाला गेम?
अब सवाल है कि आखिर महायुति में मुख्यमंत्री कैंडिडेट कौन होगा? चुनाव से पहले तक महायुति इस सवाल से बचता रहा है. वह कहता रहा है कि नतीजों के बाद इस पर फैसला होगा. अब नतीजे आ गए हैं तो महायुति कश्मकश में है. महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. ऐसे में सबके मन में यही सवाल है कि क्या भाजपा देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाएगी. क्या भाजपा बिहार वाला ही गेम खेलेगी या फिर सीएम पोस्ट पर दावा ठोककर अपना हक एकनाथ शिंदे से वापस ले लेगी? दरअसल, बिहार में सिंगल लार्जेस्ट पार्टी होकर भी भाजपा के पास सीएम पोस्ट नहीं है. उसने अपने पास डिप्टी सीएम ले रखी है. भाजपा से कम सीट होने के बावजूद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री हैं.
भाजपा शिंदे से लेगी अपना हक?
महाराष्ट्र में भी भाजपा बिहार वाला ही खेल खेलती रहेगी या नहीं? इसे लेकर अब तक सस्पेंस ही है. हालांकि, अब जो इशारे मिल रहे हैं, उससे लग रहा है कि देवेंद्र फडणवीस सीएम पद पर दावा ठोकेंगे. खुद देवेंद्र फडणवीस की मां ने जो कहा है वह अपने आप में बड़ा इशारा है. फडणवीस की मां ने कहा कि मेरा बेटा दिल्ली नहीं जाना चाहता. फडणवीस की मां सरिता ने कहा कि उनके बेटे ने चुनाव के लिए 24 घंटे काम किया. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने खाने-पीने और दिनचर्या की भी परवाह नहीं थी. उन्होंने कहा कि देवेंद्र मुंबई में ही रहना चाहते हैं और दिल्ली नहीं जाना चाहते. मां ने भले ही सीएम पोस्ट को लेकर कुछ साफ तौर पर नहीं बोला, मगर जानकार इसे इशारे के तौर पर ही देख रहे हैं.
देवेंद्र फडणवीस क्या बनेंगे सीएम?
जानकार मानते हैं कि महाराष्ट्र में अगर महायुति की सुनामी आई है तो उसमें सबसे बड़ा रोल देवेंद्र फडणवीस का है. भाजपा अभी 127 सीटों पर आगे चल रही है. महायुति में भाजपा का स्ट्राइक रेट 84 फीसदी है. महाराष्ट्र की किसी भी पार्टी का ऐसा स्ट्राइक रेट नहीं है. भाजपा ने 145 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 127 सीट पर बढ़त हासिल है. भाजपा की इस जीत में फडणवीस का रोल बड़ा है. सूत्रों का कहना है कि उन्होंने जमीन पर भाजपा के लिए प्लानिंग की और उसे एग्जिक्यूट किया. उसका नतीजा है कि आज भाजपा महाराष्ट्र में इतनी बड़ी जीत की ओर अग्रसर है. देवेंद्र फडणवीस की मेहनत का ही फल शिंदे गुट की शिवसेना और अजित गुट की एनसीपी को मिला है. ऐसे में देखने वाली बात है कि भाजपा सीएम पद वाले टेंशन से कैसे निपटती है.