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15 या 16 नवंबर.. आखिर कब है देव दीपावली ?,देव दीपावली कब है और क्यो मनाई जाती है देव दीपावली

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रायपुर – देव दीपावली के त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। हर साल देव दीपावली के दिन लोग गंगा नदी के घाट पर दीपक जलाते हैं और अपने घरों में भी पूजा आराधना करते हैं। माना जाता है कि, इस दिन भगवान शिव पृथ्वी पर आते हैं देवता दीपक जलाकर उनका स्वागत करते हैं। साल 2024 में देव दीपावली का पावन त्योहार नवंबर के माह में मनाया जाएगा। लेकिन देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी या 16 नवंबर को, इसको लेकर लोगों के मन में संशय है। आज हम आपके इसी संशय को अपने इस लेख में दूर करेंगे।

देव दीपावली कब मनाई जाएगी?

देव दिवाली का त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 15 नवंबर की सुबह 6 बजकर 19 मिनट से होगी। इस तिथि का समापन 15 नवंबर की देर रात 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। यानि स्वाभाविक है कि 16 नवंबर की सुबह तक यह तिथि व्याप्त नहीं रहेगी। उदयातिथि 15 नवंबर को ही होगी इसलिए देव दीपावली का पावन त्योहार 15 नवंबर को ही मनाया जाएगा।

इसलिए मनाई जाती है देव दीपावली

देव दिवाली का धार्मिक महत्व यह है कि, इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा आराधना की जाती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और देवताओं को त्रिपुरासुर के भय से मुक्ति दिलाई थी। इसीलिए देव दीपावली के दिन को ‘त्रिपुरारी पूर्णिमा’ भी कहा जाता है। इस अवसर पर दीप जलाकर और गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित करने का महत्व माना जाता है। माना जाता है कि, इस दिन भगवान शिव पृथ्वी पर आते हैं और देवता गंगा के तट पर, खासकर वाराणसी में दीपक जलाकर धूमधाम से भगवान शिव का स्वागत करते हैं। इस दिन गंगा के घाटों पर आरती का बड़ा महत्व है।

एक अन्य पौराणिक मान्यता के अनुसार, देवतागण देवउठनी एकादशी के दिन जागृत होते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा और यमुना के तटों पर स्नान करके दीपावली मनाते हैं। इसलिए भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन को देव दीपावली के नाम से जाना जाता है।

देव दिवाली पर ये कार्य करने से होगा लाभ

  • देव दीपावली के पावन अवसर पर सुबह पानी में गंगाजल मिलाकर नहाने से आपके पाप धुलते हैं।
  • इस दिन गंगा नदी में अगर आप स्नान कर पाएं तो इसे बेहद पुण्य फलदायी माना जाता है।
  • इस दिन दीपदान करने से ईश्वर की कृपा आपको प्राप्त होती है।
  • भगवान शिव की पूजा इस दिन अवश्य करनी चाहिए, ऐसा करने से आपको मानसिक शांति और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।