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17 नवंबर तक सरकारी छुट्टी का आदेश, स्कूल-कॉलेज के साथ-साथ बंद रहेंगे सभी सरकारी कार्यालय और बैंक

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पंजाब –  ठंड की दस्तक होते ही एक बार फिर लोगों की जिंदगी मुहाल हो गई है। प्रदुषण और कोहरे के चलते हालात ऐसे हो गए हैं कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में प्रशासन ने एक बार फिर लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। स्मॉग बढ़ने की वजह से हवा बेहद जहरीली हो चुकी है, जिसके चलते अब प्रशासन ने 17 नवंबर तक सरकारी छुट्टी का आदेश जारी किया है। यानि 17 नवंबर तक स्कूल कॉलेज के साथ-साथ सरकारी कार्यालय भी बंद रहेंगे। वहीं, प्रशासन ने सार्वजनिक जगहों जैसे पार्क, जू, प्लेग्राउंड और म्यूजिम में लोगों की एंट्री भी बैन कर दी है।

जानकारी के अनुसार लाहौर में स्कॉग की मोटी परत जमी हुई है, जिसके चलते लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। बताया जा रहा है कि शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 1000 के खतरनाक स्तर को भी पार कर गया। शुक्रवार को पंजाब सरकार की तरफ जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि लाहौर, गुरजनवाला, फैसलाबाद, मुल्तान, शेखुपुरा सहित अन्य 12 शहरों में 17 नवंबर तक ये बैन लागू रहेगा। सरकार पहले स्कूल और कॉलेजों को बंद कर चुकी है। इसके लाहौर समेत 18 जिलों में सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहा गया है।

बता दें कि पंजाब सरकार ने पिछले हफ्ते ही स्मॉग के चलते चिंता जाहिर की थी। इसके अलावा लाहौर के कई इलाकों में ग्रीन लॉकडाउन भी लागू किया था। इसके अलावा सरकार राज्य में कृत्रिम बारिश भी कराने पर विचार कर रही है। हालांकि इसकी तारीख तय नहीं हुई है।

कृत्रिम बारिश का विकल्प फ्लॉप पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने पिछले साल दिसंबर 2023 में यूएई की मदद से स्मॉग से निपटने के लिए एक प्रयोग किया था। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक लाहौर में कृत्रिम बारिश हुई थी। इसमें क्लाउड सीडिंग प्रयोग की वजह से करीब 10 फीसदी इलाकों में बारिश हुई थी। तत्कालीन मंत्री बिलाल अफजल ने कहा था कि कृत्रिम बारिश के बाद एक्यूआई 150 पर आ गया था, लेकिन यह राहत सिर्फ 2-3 दिन के लिए ही थी। वहीं, अब जब लाहौर देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शीर्ष पर आ गया है, तो पाकिस्तान सरकार एक बार फिर कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है। लेकिन इसमें लागत काफी ज्यादा आने का अनुमान है। वहीं, कुछ महीने पहले दिल्ली में भी एक प्रयोग किया गया था, लेकिन वह सफल नहीं रहा था।