15 नवम्बर को है गुरुनानक देव जी का 555 वीं जयंती
सरायपाली – आगामी 15 नवम्बर को सिक्ख समाज के आराध्य देव गुरुनानक देव जी का 555 वी जयंती है,जिसे सिक्ख समाज के द्वारा प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है । प्रकाश पर्व को लेकर सुबह से ही गुरुद्वारा से नगर में प्रभात फेरी निकाली जा रही है, जिसमें भारी संख्या में समाज के लोग शामिल हो रहे है।
बता दें हर वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा को सिक्ख समाज के द्वारा गुरु नानक देव की जयंती मनाई जाती है, इस वर्ष 15 नवंबर को गुरु नानक देव की जयंती है लेकिन स्थानीय लोग 15 नवंबर को प्रकाश पर्व मनाएंगे, प्रकाश पर्व के 10 से 15 दिन पूर्व से प्रकाश पर्व दिन तक सुबह प्रभात फेरी निकाली जाती है इस वर्ष 03 नवंबर से महिला मंडल के द्वारा प्रभात फेरी निकाली जा रही है। प्रभात फेरी प्रतिदिन गुरूसिंघ सभा से सुबह 4 बजे से सुसज्जित एक वाहन की अगुवाई व श्री गुरुग्रंथ साहिब के सानिध्य में भजन कीर्तन व ढोल मजारो के साथ प्रभात फेरी शहर के गुरु नानक चौक,उड़िया पारा, जयस्तम्भ चौक,बाजार पारा से होते हुए पुन: गुरुद्वारा पहुंचती है ।
इस प्रभात फेरी में महिलाएं , युवक , युवतियां व बच्चे उत्साहपूर्वक शामिल होकर भजन कीर्तन के माध्यम से श्री गुरुनानक देव जी के संदेशों को जन जन तक पहुंचा रहे हैं। सिक्ख समाज के अध्यक्ष रंजीत सिंह आहूजा ने बताया कि श्री गुरुनानक देव की के जन्मदिवस को प्रकाश पर्व के रूप में समाज द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाता है । इस अवसर पर गुरुद्वारों को रंगरोगन व आकर्षक लाइटो से सजाया जाता है ।
अन्य वर्षो की तरह इस वर्ष भी 16 नवंबर को श्री गुरूसिंघ सभा द्वारा गुरुद्वारा में आगामी 13 नवम्बर से श्री अखंड साहिब पाठ प्रारम्भ होगा व 15 को समाप्ति के बाद अन्य कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा । 16 नवम्बर को सुबह 11 बजे से संगत द्वारा भजन कीर्तन पश्चात गुरुद्वारा में अटूट लंगर का आयोजन आयोजित है । इस लंगर में सभी समाज के लोग शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं । इसी दिन शाम 4 बजे गीत,संगीत , ढोल , डीजे गतका पार्टी के साथ पंचप्यारों की अगुवाई में श्री गुरुग्रंथ साहिबजी की भव्य शोभायात्रा निकलेगी ।
जानकारी अनुसार सिक्ख धर्म के प्रथम गुरु नानक देव की जयंती हर साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस बार आगामी 16 नवंबर को गुरुनानक जी जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जायेगी। कहा जाता है कि नानक देव जी ने कुरीतियों और बुराइयों को दूर कर लोगों के जीवन में नया प्रकाश भरने का कार्य किया। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए अपने पारिवारिक जीवन और सुख का ध्यान न करते हुए दूर-दूर तक यात्राएं की और लोगों के मन में बस चुकी कुरीतियों को दूर करने की दिशा में काम किया।इसलिए सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरु नानकजी की जयंती के दिन को गुरु पर्व या प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सिक्ख समाज के लोग वाहे गुरु, वाहे गुरु जपते हुए सुबह-सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं। गुरुद्वारों में सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठानों का सिलसिला शुरू हो जाता है। जो कि देर रात तक चलता है। इस दौरान लोग शबद-कीर्तन करते हैं और रुमाला चढ़ाते हैं। गुरु पर्व के दिन सिक्ख समाज के लोग अपनी श्रद्धानुसार सेवा करते हैं और गुरु नानकजी के उपदेशों यानी गुरुवाणी का पाठ करते हैं।गुरु नानक देवजी गुरु पर्व या प्रकाश पर्व गुरु नानक जी के जन्म की खुशी में मनाया जाता हैं।