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‘आप रातों-रात किसी का घर नहीं तोड़ सकते…’ सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर योगी सरकार को लगाई फटकार

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CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “कोई नोटिस नहीं दिया गया और किसी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. यह पूरी तरह से मनमानी है. यहा प्रक्रिया का पालन कहां किया गया? हमारे पास हलफनामा है, जो कहता है कि कोई नोटिस जारी नहीं किया गया. आप केवल साइट पर गए और लोगों को लाउडस्पीकर के माध्यम से मुनादी कर ध्वस्तीकरण की जानकारी दी.”

नई दिल्ली – उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में हाइवे के किनारे बने घर को बिना किसी तय प्रक्रिया का पालन किए बुलडोजर से जमींदोज़ किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप इस तरह लोगों के घरों को कैसे तोड़ना शुरू कर सकते हैं? आप रातों-रात किसी का घर नहीं तोड़ सकते. यह अराजकता है.”

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिकारियों पर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर अवैध तरीके से मकान ध्वस्त करने के आरोप पर फौरन जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय और प्रशासनिक के साथ कानूनी कार्रवाई करने को कहा. साथ ही याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का भी आदेश दिया है.

2020 में दायर याचिका पर लिया संज्ञान
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने 2020 में दायर याचिका पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की. ये याचिका मनोज टिबरेमाल ने लगाई थी. उनका महाराजगंज में स्थित मकान 2019 में ध्वस्त कर दिया गया था.