Home छत्तीसगढ़ हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई, छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव साय का बड़ा ऐलान

हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई, छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव साय का बड़ा ऐलान

30
0
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने एमबीबीएस की पढ़ाई को लेकर बड़ा ऐलान किया है. हिंदी दिवस पर साय सरकार ने प्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराने का ऐलान किया है. यह निर्देश मौजूदा सत्र से लागू करने की बात सीएम ने कही है.

रायपुर – छत्तीसगढ़ में मेडिकल की पढ़ाई अब हिंदी विषय में कराई जाएगी. सीएम विष्णुदेव साय ने इस बात का ऐलान रायपुर में किया है. हिंदी दिवस पर मीडिया से बात करते हुए सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में डॉक्टरी की पढ़ाई अब हिंदी में होगी. सीएम ने इस बात पर भी बल दिया कि जब तक पठन पाठन और काम काज में हिंदी को बढ़ावा नहीं मिलेगा तब तक हम हिंदी दिवस के उद्देश्य को हासिल नहीं कर सकते हैं.

मौजूदा सत्र से हिंदी में भी होगी एमबीबीएस की पढ़ाई

सीएम ने सभी छत्तीसगढ़ वासियों को हिंदी दिवस की बधाई दी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि राज्य में मौजूदा सत्र से मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी होगी.

“आज हिंदी दिवस है. समस्त छत्तीसगढ़ वासियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं और बधाई. आज हमारी सरकार एक बड़ा फैसला ले रही है. हिंदी दिवस मनाने की सार्थकता तभी होगी जब हम शासन प्रशासन और शिक्षा के हर स्तर पर हिंदी को लागू करेंगे. हिंदी में काम काज करेंगे. इसी क्रम में हमारी सरकार ने ये निर्णय लिया है. एमबीबीएस की पढ़ाई की व्यवस्था भी हम हिंदी में करेंगे. इस साल एमबीबीएस प्रथम सत्र में हिंदी में पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके लिए छात्र छात्राओं की संख्या के मुताबिक आवश्यक पुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दे दिए गए हैं.”: विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति पूरी तरह लागू
सीएम विष्णुदेव साय ने इस बात का भी ऐलान किया है कि राज्य में पूरी तरह से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर दिया गया है. सीएम ने कहा कि” हमारे स्वास्थ्य मंत्री जी के मार्गदर्शन में यह कार्य हो रहा है. हम अपनी शिक्षा नीति को हर स्तर पर पुरानी मैकाले की साम्राज्यवादी शिक्षा व्यवस्था से अलग कर रहे हैं. हमने छत्तीसगढ़ में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू कर दिया है.”

इससे पहले एमपी, यूपी और उत्तराखंड की सरकार ने राज्य में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी कराने का फैसला लिया था. उसके बाद अब छत्तीसगढ़ की सरकार ने यह फैसला लिया है.