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हटाए गए राजनांदगांव DEO: शिक्षक मांगने पहुंची छात्राओं को डांटकर भगाया था, सीएम के निर्देश पर हुई कार्रवाई

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राजनांदगांव –  राजनादगांव जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षक न होने के कारण बच्चे स्कूल में पढ़ाई नहीं कर पाते। जब कुछ छात्राएं कलेक्टर जन चौपाल में डीईओ के सामने अपनी इस समस्या को लेकर गईं तो डीईओ ने बच्ची को बुरी तरह से फटकार कर भगा दिया। डीईओ की डांट के बाद कक्षा 12वीं की छात्राएं रोती हुईं कलेक्टोरेट से बाहर निकलीं थी। जिसके बाद इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने डीईओ को हटाने के निर्देश जारी किया था। जिसके बाद गुरुवार को डीईओ को हटाकर उनकी जगह नई नियुक्ति की गई है।मुख्यमंत्री के निर्देश पर हटाए गए राजनांदगांव जिला शिक्षा अधिकारी, स्कूली छात्रों से किया था दुर्व्यवहार | CGNews Online

इस मामले पर सीएम विष्णु देव साय के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग ने राजनांदगांव के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल को स्कूली बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों के कारण तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया है। उन्हें अस्थायी रूप से नवा रायपुर के इन्द्रावती भवन स्थित लोक शिक्षण संचालनालय में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है। इसके साथ ही, राजनांदगांव के सहायक संचालक, आदित्य खरे को जिला शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। अपने वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ यह नई जिम्मेदारी भी संभालेंगे। इस आशय का आदेश स्कूल शिक्षा विभाग महानदी भवन मंत्रालय नवा रायपुर से जारी कर दिया गया है।.

यह है पूरा मामला 

उल्लेखनीय है कि, राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम आलीवार में हाई स्कूल को दो वर्ष पूर्व हायर सेकेंडरी कर दिया गया था। लेकिन स्कूल में पर्याप्च शिक्षिकों की पोस्टिंग नहीं की गई और 11वीं व 12वीं की कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं। ऐसे में बच्चे स्कूल में आते हैं और बिना- पढ़ाई लिखाई किए दिन भर के बाद शाम को घर लौट जाते हैं। कक्षा ग्यारहवीं तो बच्चों ने जैसे-तैसे पास कर लिया, लेकिन अब कक्षा 12वीं में बोर्ड परीक्षा को देखते हुए उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए शिक्षक की आवश्यकता है। जिसको लेकर आज कलेक्टर जन चौपाल में शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल अलीवारा की छात्राएं अपना हस्तलिखित ज्ञापन लेकर पहुंची थीं।

कलेक्टर ने दिखाई गंभीरता

इस दौरान उन्होंने कलेक्टर को शिक्षक की मांग के संबंध में ज्ञापन सौंपा, जिसके बाद कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बच्चों के प्रति अपनी उदारता दिखाई और दो दिवस के भीतर शिक्षकों की व्यवस्था किए जाने का उन्हें आश्वासन दिया और कलेक्टर ने उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी के पास भेजा। इसके बाद ज्ञापन देखकर जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूली छात्राओं को ही फटकार लगा दी। छात्राओं ने अपने ज्ञापन में कहा था कि तीन दिवस के भीतर यदि स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था नहीं होती है तो सभी विद्यार्थी आंदोलन करेंगे और स्कूल में ताला लगा देंगे।

ज्ञापन देखकर भड़के डीईओ

शिक्षक की मांग को लेकर छात्र-छात्राओं द्वारा ज्ञापन को देखते ही जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक मांगने पहुंची छात्राओं को ही फटकार लगा दी। कक्षा 12वीं बायो की छात्रा आरती साहू का कहना है कि, डीईओ ने ज्ञापन देखकर कहा कि बहस मत करो यहां से जाओ, आवेदन में यह सब लिखने कौन सिखाया है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जिंदगी भर जेल की हवा खाओगे तो समझ आएगा। इसके बाद छात्राएं रोते हुए बाहर निकल गई।

डीईओ के व्यवहार को लेकर पलकों ने जताई नाराजगी

शिक्षक की मांग करने गई  छात्राओं को डीईओ के द्वारा फटकार लगाने के मामले में उनके साथ गए परिजनों ने इसे लेकर नाराज की जाहिर की है। आलीवारा के शिवकुमार यादव ने कहा कि डीईओ ने बच्चों को इस तरह से डांटा है कि बच्चे रोते हुए बाहर आये हैं। शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल आलीवारा में विज्ञान, कला संकाय की कक्षाएँ संचालित है । लेकिन शासन के द्वारा एक भी व्याख्याता की नियुक्ति यहां नहीं की गई है। जिससे अध्यापन व्यावस्था ठीक से नहीं हो पा रही है।