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प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से IMA की अपील, सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा करें, इलाज नहीं रुकना चाहिए

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आईएमए अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया के महत्व पर जोर दिया और कहा कि पूरे चिकित्सा समुदाय को शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करना चाहिए। पत्र के हवाले से कहा गया कि चिकित्सा बिरादरी उचित रूप से उबल रही थी। रेजिडेंट डॉक्टर गुस्से और गहरे दुख के साथ सड़क पर उतर आए।

नई दिल्ली – इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का विरोध कर रहे डॉक्टरों से अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करने और न्याय की खोज को सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ने का आग्रह किया है। आईएमए के पत्र का उल्लेख करते हुए समाचार एजेंसी एएनआई ने जानकारी दी कि आरजी कर के युवा स्नातकोत्तर निवासी के बलिदान ने राष्ट्र की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। पूरे देश का गुस्सा और हताशा इस बात पर भी समान रूप से है कि वह एक उभरती हुई डॉक्टर थी और साथ ही वह निम्न-मध्यम वर्गीय माता-पिता की एकमात्र लड़की थी। पूरे देश ने उसे अपनी बेटी के रूप में अपनाया है।

आईएमए अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया के महत्व पर जोर दिया और कहा कि पूरे चिकित्सा समुदाय को शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करना चाहिए। पत्र के हवाले से कहा गया कि चिकित्सा बिरादरी उचित रूप से उबल रही थी। रेजिडेंट डॉक्टर गुस्से और गहरे दुख के साथ सड़क पर उतर आए। आईएमए ने आपात स्थिति को छोड़कर 24 घंटे के लिए सेवाएं बंद करने का आह्वान किया। इसके बाद, भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया और एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया। माननीय न्यायालय ने डॉक्टरों से कहा कि न्याय और चिकित्सा नहीं रुकनी चाहिए, हम पर भरोसा करें।

भारत के नागरिक के रूप में, संपूर्ण चिकित्सा जगत को माननीय न्यायालय द्वारा दिए गए वचन का पालन करना चाहिए। रोगी की देखभाल और सुरक्षा चिकित्सा पेशे की प्रमुख चिंता है। आधुनिक चिकित्सा के सभी डॉक्टरों को न्याय को भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर छोड़कर मरीजों की देखभाल में लौट आना चाहिए। डॉक्टर पीड़ितों के लिए न्याय और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग करते हुए विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस घटना ने भाजपा और राज्य सरकार के बीच टकराव पैदा कर दिया है, भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मामला स्थानीय पुलिस से लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया गया है।