बहराइच में ‘ऑपरेशन भेड़िया’ अभी भी जारी है. गुरुवार को एक आदमखोर भेड़िए को पकड़ा गया. अभी तक चार भेड़िए वन विभाग की पकड़ में आ चुके हैं. वन विभाग की 16 टीमें 35 गांवों में इनकी तलाश में जुटी हैं. अभी तक भेड़ियों के हमले से आठ बच्चे और एक बुजुर्ग महिला सहित नौ लोगों की मौत हो चुकी है.
बहराइच – अब शेर, बाघ और तेंदुआ ही नहीं, बल्कि भेड़िया भी आदमखोर हो गए हैं. अगर इनसे जान बचानी है तो सतर्क रहिए. न जाने कब घात लगाए बैठे ये भेड़िए आप पर हमला कर दें. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में लोग दिन-रात जगकर अपने-अपने गांव की रखवाली कर रहे हैं. गांवों में एक टीम बना दी गई है. सभी की शिफ्ट वाइज ड्यूटी लगती है. इस टीम के लोग लाठी-डंडे और बंदूक लेकर पूरे गांव के चक्कर लगा रहे हैं, ताकि अगर भेड़िया दिखे तो इनको हमलों से पहले बचा जा सके.
हालांकि इन भेड़ियों के हमले को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. अगर दो महीने से इन भेड़ियों का आतंक क्षेत्र में था तो वन विभाग अलर्ट क्यों नहीं हुआ? जब धीरे-धीरे इन भेड़ियों ने बच्चों का शिकार करना शुरू किया तो वन विभाग एक्टिव हुआ, क्या वन विभाग को क्षेत्र में इन भेड़ियों के दस्तक देने की पहले से जानकारी नहीं थी. ग्रामीणों के मुताबिक, करीब दो महीने से इन भेड़ियों का क्षेत्र में आतंक है. शुरू में तो लगा कि किसी बाघ या तेंदुए का ये काम है, लेकिन जब इन भेड़ियों को पास के खेतों में चहलकदमी करते देखा गया तो लगा कि ये बाघ और तेंदुए नहीं, बल्कि भेड़िए हमला कर रहे हैं.
कोलकाता से बुलाए गए ड्रोन एक्सपर्ट
अब जब आठ बच्चों और एक बुजुर्ग महिला सहित नौ लोगों को इन भेड़ियों ने अपना शिकार बना लिया तो वन विभाग की टीम ने गांवों में डेरा डाला. कोलकाता से ड्रोन एक्सपर्ट बुलाए गए, जो ड्रोन कैमरे की मदद से इनकी तलाश में जुटे हैं. वहीं गांवों में पुलिस और PAC तैनात कर दी गई है. जवान बकायदा सिक्योरिटी इक्विपमेंट से लैस हैं, ताकि अगर भेड़िया हमला करे तो उसे तुरंत पिछड़े में कैद कर दिया जाए. अभी तक वन विभाग की टीम ने चार भेड़ियों को पकड़ा है. गुरुवार को वो लगड़ा भेड़िया भी पकड़ में आया, जिनसे सबसे ज्यादा आतंक मचाया हुआ था.
35 गांवों में भेड़ियों का आतंक, घात लगाकर कर रहे वार
जिले के महसी तहसील क्षेत्र में हरदी थाना क्षेत्र और खैरीघाट थाना क्षेत्र के करीब 35 गांवों में इन भेड़ियों ने आतंक मचाया हुआ है. वन विभाग की 16 टीमें अगल-अलग जगहों पर पिजड़े लगाकर इनको पकड़ने में जुटी हैं. वन विभाग के साथ-साथ पुलिस, PAC, राजस्व विभाग और ब्लॉकों में तैनात कर्मचारी गांवों में ड्यूटी पर लगाए गए हैं. वन विभाग ने भेड़ियों को पता करने के लिए थर्मल एवं रेगुलर कैमरों वाले ड्रोन की मदद ली है. इसके साथ करीब 200 गांव वाले लाठी-डंडे लेकर खुद अपने-अपने गांव की पहरेदारी कर रहे हैं.
एक ‘लंगड़े’ भेड़िए ने सभी को बनाया आदमखोर
भेड़ियों को पकड़ने के इस अभियान के नोडल अधिकारी बनाए गए बाराबंकी के DFO आकाशदीप बधावन ने बताया कि भेड़िया एक सामाजिक प्राणी है. आमतौर पर वह आबादी और इंसानों से दूर रहना पसंद करते हैं. वह अपने झुंड में ही रहते हैं. महसी इलाके में एक लंगड़े भेड़िये ने बच्चे को आसान शिकार समझकर निवाला बनाया. उस बच्चे के मांस को कई भेड़ियों ने खाया. स्वाद मुंह में लगा, जिसके बाद अन्य भेड़िये भी उसी राह पर चले पड़े. इसके बाद उनकी प्रवृत्ति नरभक्षी हो गई. वह इंसान, खासकर बच्चों को खोज रहे हैं. भेड़िया कुत्ता परिवार का प्राणी है और उनके सूंघने और जागने की आदत बहुत तेज होती है.
भेड़ियों का व्यवहार असामान्य- DFO
वहीं भेड़ियों के हमले को लेकर खुद वन विभाग के अधिकारी भी एकमत नहीं हैं. DFO आकाशदीप बधावन का कहना है कि अभी तक मौके पर जो दिखा, उसे देखकर तो यही लगा कि भेड़ियों का व्यवहार असामान्य है. ये छोटे जानवरों को शिकार बनाते हैं, लेकिन अब ये इंसानों पर हमला कर रहे हैं. ये शोध का विषय है. वहीं इसके इतर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव संजय श्रीवास्तव कहते हैं कि इस समय बारिश का मौसम है. जंगलों में पानी भर गया है. वन्यजीव भोजन की तलाश में बाहर निकल रहे हैं. यही वजह है कि बहराइच में भी भेड़िए जंगलों से सटे गांवों में हमला कर रहे हैं.
2 दिन पहले 5 साल के बच्चे को उठा ले गए
ज्ञात हो कि भेड़िए झुंड में ही रहना पसंद करते हैं. अब महसी क्षेत्र में कितने भेड़िए हैं, इसका कोई अंदाजा नहीं, लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक, करीब एक दर्जन भेड़िए क्षेत्र में घूम टहल रहे हैं. इनमें से बीते चार दिन में चार भेड़ियों को पकड़ा गया है. तीन दिन पहले जब भेड़ियों के तीन साथियों को एक साथ पकड़ा गया तो यह और आक्रमक हो गए थे. उसी रात ये अपनी मां रोली के साथ सो रहे पांच साल के अयांश को उठा ले गए थे.
दूसरे दिन उसका शव एक खेत में 40 से 50 प्रतिशत खाया हुआ मिली था. उसी रात खैरीघाट थाना क्षेत्र के एक गांव में इन्होंने तीन बच्चों पर हमला किया था, लेकिन ग्रामीणों की सतर्कता के चलते तीनों की जान बच गई थी. अभी तक भेड़ियों के हमले से 9 मौतों के साथ-साथ 30 से 40 लोग घायल भी हुए हैं. ग्रामीणों को यही डर सता रहा है कि अगर भेड़ियों के साथी पकड़े जाएंगे तो ये और आक्रामक होंगे. फिर ये घात लागकर उन पर हमला करेंगे.