रायपुर – रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा. इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहने वाला है. कहते हैं कि भद्राकाल में भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राइवण की बहन शूर्पणखा ने रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी और रावण का पूरा साम्राज्य खत्म गया था. ऐसे में राखी बांधने के शुभ मुहूर्त को लेकर ज्योतिषों में अलग-अलग मत है।
रक्षाबंधन इस बार सोमवार, 19 अगस्त को है, लेकिन श्रावण शुक्ल चतुर्दशी 18 अगस्त को रात 2 बजकर 21 मिनट से ही भद्रा शुरू हो जाएगी. इसका समापन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट पर होगा. इसके बाद ही रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त शुरू होगा. बहनें भद्रा के बाद ही भाई की कलाई पर राखी बांधें.
भद्रा दोष से जोड़ी महत्वपूर्ण जनकारी
भद्राकाल का विचार हर शुभ कार्य में किया जाता है. किसी भी मांगलिक कार्य में भद्रा का योग अशुभ माना गया है. इसलिए इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि शुभ कार्य के दौरान भद्रा का साया न पड़े. इस बार रक्षाबंधन पर भी भद्रा का साया नजर आ रहा है. भद्रा को लेकर अलग-अलग मत बने हुए हैं। रक्षाबंधन पर भद्रा का समय और भद्रा दोष से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी। इस दिन सुबह 5 बजकर 32 मिनट पर भद्राकाल आरंभ हो जाएगा और 1 बजकर 31 मिनट तक भद्रा रहने वाली है। लेकिन, इस दिन सुबह से भद्रा होने पर भी भद्रा अशुभ फल नहीं देंगी। दरअसल, भद्रा का वास अलग अलग लोकों में होने पर वह अलग अलग प्रभाव डालती है।
भद्रा का वास पाताल लोक में होगा
19 अगस्त की शाम 7 बजे तक चंद्रमा मकर राशि में ही रहने वाले हैं। जबकि इस बीच भद्रा यानी विष्टि करण दिन में 1 बजकर 31 मिनट पर ही समाप्त हो चुका होगा। ऐसे में भद्रा का वास इस दौरान पाताल लोक में होगा और धरती पर इसका प्रभाव नहीं होगा। इसलिए रक्षाबंधन के दिन आप सुबह से ही राखी बांध सकते हैं। क्योंकि, पाताल में भद्रा होना मांगलिक कार्यों के लिए शुभ है।