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जांच में आएगी तेजी – पुलिस आरक्षक कर सकेंगे जांच ,वरिष्ठ आरक्षकों को मिला तीन साल तक सजा वाले मामलों की जांच का अधिकार

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मोहला – छत्तीसगढ़ के जिले मोहला में छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के वरिष्ठ आरक्षकों को छत्तीसगढ़ शासन गृह मंत्रालय द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत तीन वर्ष तक सजा वाले आपराधिक मामलों की जांच के अधिकार के सम्बंध में जारी अधिसूचना के परिपालन में पुलिस अधीक्षक  वाय पी सिंह के निर्देशन में शुक्रवार को मोहला मानपुर अम्बागढ़ चौकी के 25 वरिष्ठ आरक्षकों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय मोहला के मीटिंग हॉल में अपराध विवेचना के सम्बंध में  प्रशिक्षण दी गई। जिन आरक्षक ने पुलिस विभाग में 10 वर्ष की सेवा निर्विवाद रूप से पूरी कर ली है, उन्हें वरिष्ठ आरक्षक की श्रेणी में रखा गया है। जिले में ऐसे 103 आरक्षक पदस्थ हैं।उनके लिए वरिष्ठ आरक्षक अपराध विवेचना प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की गई है ।प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्गत आगामी तीन दिनों तक तीन वर्ष तक के सजा के प्रावधान वाले प्रकरणों की अपराध विवेचना का प्रशिक्षण दी जाएगी।

जांच में आएगी तेजी 

पुलिस अधीक्षक वाय पी सिंह ने अपने संबोधन में  विभाग के इस प्रयास से विवेचना कार्य में तेजी आने और वरिष्ठ आरक्षकों को उनके व्यवसायिक दक्षता के लिए प्रोत्साहन के साथ आम जनता को न्याय मिलने में अकारण विलम्ब नही होना बताया है। इस प्रशिक्षण में वरिष्ठ आरक्षकों को एफआईआर दर्ज करने, घटना स्थल निरीक्षण, जप्ती प्रक्रिया, गिरफ्तारी, और अभियोगपत्र तैयार करने की प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अगले चरण में अन्य अधिकारी भी भाग लेंगे।

भारतीय न्याय संहिता के इन धाराओं की कर सकेंगे जांच 

भारतीय न्याय संहिता की धारा 115,296,351 (सामान्य मारपीट – 294, 506 IPC),  धारा 281,125A, 125B ( सडक दुर्घटना के मामले 279, 337, 338 IPC),  धारा 77,78,79 (छेड़खानी के मामले 354, 509 IPC) धारा 324A, 325 (रिष्टि के मामले 425, 426, 427,428, 429 440 IPC)मामलों की जाँच और इसके अलावा ऐसे मामले जिसमे तीन साल तक सजा का प्रावधान है, वरिष्ठ आरक्षकों से जांच  कराया जा सकता है।साभार