Home देश नीति आयोग की बैठक में नहीं पहुंचे नीतीश कुमार; ममता बनर्जी ने...

नीति आयोग की बैठक में नहीं पहुंचे नीतीश कुमार; ममता बनर्जी ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप

36
0

नई दिल्ली – नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल (शासी परिषद) बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित हो रही है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। यह बैठक राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित हो रही है।

नीति आयोग की बैठक में नहीं पहुंचे नीतीश कुमार
नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार। नीतीश कुमार के बैठक में नहीं आने की वजह का अभी खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि बिहार के दोनों डिप्टी सीएम नीति आयोग की बैठक में शामिल बताए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार पर बरसीं ममता बनर्जी

दिल्ली में नीति आयोग की बैठक पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘तीन साल से हमारा 100 दिन का काम(मनरेगा) बंद करके रखा, आवास योजना बंद करके रखा। ऐसे कोई सरकार नहीं चलती। आप अपनी पार्टी और दूसरी पार्टी में भेदभाव नहीं कर सकते, आप केंद्र में सत्ता में हैं। आपको सभी का ध्यान रखना होगा।’

नीति आयोग की बैठक को छोड़कर बाहर निकलीं ममता बनर्जी

दिल्ली में नीति आयोग की बैठक पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट ही बोलने की इजाजत मिली। मुझसे पहले जिन लोगों ने बोला वह 10-20 मिनट तक बोले। विपक्ष की तरफ से मैं अकेली इस बैठक में शामिल हुई, लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह अपमानजनक है।’

दिल्ली में नीति आयोग की बैठक पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट ही बोलने की इजाजत मिली। मुझसे पहले जिन लोगों ने बोला वह 10-20 मिनट तक बोले।… pic.twitter.com/HN946O01iN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 27, 2024
‘संसदीय लोकतंत्र नेहरू के कल्पना के बगैर नहीं चलेगा’

नीति आयोग की बैठक पर राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा, ‘नीति आयोग क्या है? एक शैक्षणिक अभ्यास के लिए पीएम मोदी ने एक बॉडी बना दी। इन्हें योजना आयोग से क्या दिक्कत थी ? सिर्फ इसलिए दिक्कत हुई क्योंकि ये नेहरू के जमाने से था। तो नेहरू के जमाने की तो बहुत सी चीज़े हैं। संसदीय लोकतंत्र नेहरू के कल्पना के बगैर नहीं चलेगा। गणितीय शब्द से सच्चाई नहीं बदलती। हकीकत तब बदलेगी जब आप ठोस कदम उठाएंगे और वहां मैं नीति आयोग को फेल मानता हूं। तो जाहिर तौर पर आपको रिवाइव करना चाहिए।’

नीति आयोग की बैठक पर राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा, “..नीति आयोग क्या है? एक शैक्षणिक अभ्यास के लिए पीएम मोदी ने एक बॉडी बना दी। इन्हें योजना आयोग से क्या दिक्कत थी ? सिर्फ इसलिए दिक्कत हुई क्योंकि ये नेहरू के जमाने से था। तो नेहरू के जमाने की तो बहुत सी चीज़े… pic.twitter.com/6Y9RaH79XP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 27, 2024
दिल्ली से कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं

केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली से भी नीति आयोग की बैठक में कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ है।

डीएमके का विरोध प्रदर्शन

डीएमके ने 23 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि बजट में तमिलनाडु की उपेक्षा की गई है।

चेन्नई, तमिलनाडु: डीएमके ने 23 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि बजट में तमिलनाडु की उपेक्षा की गई है। pic.twitter.com/ScBzgOaV9Z
‘कांग्रेस विकास कार्यों पर भी राजनीति कर रही’

कांग्रेस और विपक्षी मुख्यमंत्रियों द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने पर बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने कहा, ‘कांग्रेस की शुरू से ही यह मानसिकता रही है कि उन्हें विकास कार्यों में भी राजनीति करनी है। आज विकास कार्यों पर चर्चा के लिए बैठक है, नीति आयोग कोई बीजेपी का ढांचा नहीं है। नीति आयोग जब भी बैठक करती है तब वह हर राज्य के विकास मॉडल को तय करती है यह एक संघीय ढांचा है, लेकिन समस्या यह है कि कांग्रेस केवल तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए है। उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए वे अब नीति आयोग बैठक का विरोध कर रहे हैं।’

क्या है नीति आयोग?

नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया को नीति (NITI) आयोग के नाम से जाना जाता है। यह भारत सरकार का एक नीति थिंक टैंक है, जो सरकार के कामों और नीतियों की जानकारी देता है।  इसका उद्देश्य देश के विकास के लिए नीतियां बनाना और राज्यों को सलाह देना है। इस संस्थान की गवर्निंग काउंसिल मीटिंग हर साल होती है, जिसमें देश के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री हिस्सा लेते हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने 2015 में 65 साल पुराने योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया था।

नीति आयोग सरकार के लॉन्ग टर्म पॉलिसी और कार्यक्रमों के लिए रणनीति तैयार करने में अहम रोल निभाता है। आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं। अध्यक्ष के अलावा एक उपाध्यक्ष और एक कार्यकारी अधिकारी होता है। इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 फरवरी 2015 को नीति आयोग की पहली बैठक की अध्यक्षता की थी।

बैठक में इन राज्यों के मुख्यमंत्री करेंगे शिरकत

नीति आयोग की बैठक में शामिल होने वाले सीएम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, अरुणाचल के उपमुख्यमंत्री चौना मीन, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा का नाम शामिल है।

नीति आयोग की बैठक में 15 केंद्रीय मंत्री भी होंगे शामिल
नीति आयोग की बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चार पदेन सदस्य होंगे। इनके अलावा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी और एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी नीति आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं। इनके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्यों में पंचायती राज मंत्री लल्लन सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं।