माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर डाउन होने से दुनियाभर में काम पर बड़ा असर पड़ा है. कई एयरपोर्ट पर उड़ान बाधित हुई हैं. क्या आप जानते हैं कि क्लाउडफेयर आउटरेज क्या है, जिससे दुनियाभर में वेबसाइट्स ठप हो गई थी.
माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर डाउन होने से आज यानी 19 जुलाई को दुनिया रफ्तार धीमी पड़ गई है. माइक्रोसॉफ्ट के ठप पड़ने से एयरपोर्ट पर विमानों का संचालन रूक गया, बैंक, आईटी समेत कई अन्य संस्थान प्रभावित हुए हैं. इतना ही नहीं भारत समेत कई देशों में अधिकांश जगहों पर काम रूक गए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ साल पहले एक बार क्लाउडफेयर आउटरेज हुआ था, जिस कारण दुनियाभर बहुत सारी वेबसाइट्स ठप गई थी. आज हम आपको बताएंगे कि क्लाउडफेयर आउटरेज क्या था, जिससे बहुत सारी वेबसाइट्स काम करना बंद कर दी थी.
क्लाउडफेयर आउटरेज
आज दुनिया का सबसे अधिक डेटा इंटरनेट सर्वर पर मौजूद है. माइक्रोसॉफ्ट समेत दुनिया की किसी भी बड़ी वेबसाइट्स या सर्च इंजन पर बाधा आने पर दुनिया की रफ्तार रूक जाती है. क्योंकि सभी काम इंटरनेट के जरिए होते हैं. बता दें कि जून 2021 और 2022 दोनों ही समय क्लाउडफेयर आउटरेज के कारण दुनियाभर की कई वेबसाइट्स ठप पड़ गई थी.
बता दें कि 8 जून 2021 को क्लाउडफेयर आउटेज हुआ था. उस दौरान फास्टली के आउटेज के कारण स्पॉटिफाई , पिनट्रस्ट्स, ट्विच, रेडिट आदि पर भी असर हुआ था. इसके अलावा समाचार पोर्टल जैसे सीएनएन, फाइनेंशियल टाइम्स, द गार्जियन, बीबीसी न्यूयॉर्क टाइम्स, आदि समाचार वेबसाइट्स काफी समय तक डाउन थी. बता दें कि फास्टली भी एक सीडीएन है.
इसके अलावा 21 जून 2022 के दिन क्लाउडफेयर आउटेज के डाउन होने के बाद दुनिया की कई वेबसाइट एक साथ ठप हो गई थी. बता दें कि क्लाउडफेयर एक कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) है. क्लाउडफ्लेयर के ठप होने के कारण करीब एक घंटे तक Discord, Canva, Streamyard और Nothing जैसी साइट डाउन थी. क्लाउडफ्लेयर के डाउन होने के बाद कई वेबसाइट्स पर “500 Internal Server Error” का मैसेज मिल रहा था. इसके डाउन होने पर Discord, Zerodha, Shopify, Amazon Web Services, Twitter, Canva और कुछ मोबाइल गेम भी ठप पड़ गए थे.
क्या होता है कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क?
कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क को कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क भी कहा जाता है. इस नेटवर्क के जरिए ही आप किसी वेबसाइट से जुड़ते हैं. आमतौर पर यह नेटवर्क कई सर्वर को आपस में कनेक्ट करता है. सीडीएन का मुख्य काम यूजर के सबसे नजदीकी नेटवर्क से कनेक्ट होना और उसे तेजी से कंटेंट देना है. किसी वेबसाइट की स्पीड भी सीडीएन पर ही निर्भर करती है. सीडीएन की बनावट इस तरह से होती है कि यूजर्स को लैटेंसी कम से कम मिले, लैटेंसी से मतलब उस समय से है, जिसमें आप किसी नेटवर्क से कनेक्ट होते हैं.