सीबीआई ने की दूसरी स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल
वहीं, सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि सीबीआई ने कथित नीट-यूजी पेपर लीक और कदाचार की चल रही जांच के संबंध में दूसरी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, सीबीआई ने इस मामले में कल एक और स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है। जिस पर सीजेआई ने कहा, हां हमने दूसरी स्टेट्स रिपोर्ट भी पढ़ी है।
रिपोर्ट सामने आने पर जांच होगी प्रभावित: अदालत
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि हमें सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट नहीं दी गई है। इस पर अदालत ने कहा, ‘हालांकि हम पारदर्शिता की वकालत करते हैं। मगर सीबीआई जांच चल रही है। अगर सीबीआई ने हमें जो बताया है उसका खुलासा होता है, तो यह जांच को प्रभावित करेगा।’
हमें संतुष्ट करें कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर हुआ
सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप हमें संतुष्ट करिए कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर हुआ और परीक्षा रद्द होनी चाहिए। दूसरी इस मामले में जांच की दिशा क्या होना चाहिए वो भी हमें बताएं। उसके बाद हम सॉलिसिटर जनरल को सुनेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि अगर आप हमारे सामने यह साबित कर देते हैं कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई तभी दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया जा सकता है।
सीजेआई और याचिकाकर्ता के बीच हुए सवाल-जवाब
याचिकाकर्ता छात्रों के वकील ने कहा कि कुछ ऐसे छात्र भी आए हैं, जिनकी रैंक एक लाख आठ हजार छात्रों के बीच है, लेकिन उनको सरकारी कॉलेज नहीं मिला। वहीं, एनटीए ने सभी लोगों का रिजल्ट घोषित नहीं किया है, जबकि दूसरी परीक्षाओं में पूरे रिजल्ट घोषित होते है। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि सरकारी कॉलेजों में कितनी सीटें हैं? वकील ने कहा कि 56 हजार सीटें। कम से कम एक लाख का रिजल्ट घोषित हों।सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या आपके हिसाब से कुछ लोग एक लाख आठ हजार के केटेगरी में आ गए है? आप (याचिकाकर्ता) पहले तथ्यों पर बात करें। एक लाख आठ हजार में से कितने याचिकाकर्ता है और कितने छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
कितने छात्र दोबारा नीट परीक्षा की मांग कर रहे?अदालत ने कहा कि 131 छात्र दोबारा परीक्षा चाहते है। 254 छात्र दोबारा परीक्षा के खिलाफ है। दोबारा परीक्षा चाहने वाले 131 छात्र ऐसे हैं, जो एक लाख आठ हजार के अंदर नहीं आते और दोबारा परीक्षा का विरोध करने वाले 254 छात्र एक लाख आठ हजार के अंदर आते हैं। अगर 1 लाख 8 हजार लोगों को एडमिशन मिलता है, बाकी 22 लाख लोगों को दाखिला नहीं मिलता तो इसका मतलब ये तो नहीं कि पूरी परीक्षा को रद्द कर दिया जाए?
सीजेआई ने आगे कहा कि सबसे कम अंक पाने वाले याचिकाकर्ता छात्र के मार्क्स कितने हैं? इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुल 34 याचिकाएं है, जिनमें चार याचिकाएं एनटीए की है।
पीठ ने आगे कहा कि 38 में छह ट्रांसफर याचिकाएं शामिल हैं। इस पर एनटीए की ओर से पेश वकील ने कहा कि हां 32 व्यक्तिगत याचिकाएं हैं। अदालत ने कहा कि लंच के दौरान हमें बताएं कि कितने छात्रों ने कोर्ट का रुख किया है।
जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि परीक्षा की मांग करने वाले याचिकाकर्ता क्या एक लाख आठ हजार के अंतर्गत हैं? सीजेआई ने कहा कि नहीं, नहीं ऐसा नहीं हो सकता, यह बाहर हैं।
सीजेआई ने कहा कि एनटीए 100 टॉप अंकों वालों का चार्ट दे। साथ ही यह भी बताए कि अभ्यर्थी किस सेंटर और शहर से हैं।