मीसाबंदियों ने आपातकाल के दौर का स्मरण करते हुए बताया कि किस प्रकार कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अहंकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी गई। सभी ने उस समय की यादों का सांझा किया। इस मौके पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
खरोरा – छत्तीसगढ़ के खरोरा में भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश मंत्री वेदराम मनहरे के जन्मदिन पर सोमवार को मीसा बंदियों का सम्मान किया गया। वर्ष 1975 में तात्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा लगाये गये आपातकाल के दौरान जेल की यातनाएं सहने वाले मीसा बंदियों के सम्मान हेतु खरोरा में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
इनका किया गया सम्मान
रायपुर ग्रामीण ज़िले में ये पहला अवसर था, जिसमें मीसा बंदियों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, रायपुर ज़िला के अध्यक्ष सुभाष देशपांडे, प्रदेश कार्यालय प्रभारी संतोष शर्मा, लोकतंत्र सेनानी और पुर्व विधायक स्व. चैतराम साहू के सुपुत्र राजेश साहू, स्व. जगदीश शर्मा के सुपुत्र सुरज शर्मा एवं पंडित मालूराम शर्मा के सुपुत्र नरेन्द्र शर्मा को शाल श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया।
कई बड़े नेताओं को डाला भेजा गया था जेल
कार्यक्रम के दौरान लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि, 25 जून की मध्यरात्रि को तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोप दिया था। इस दौरान इंदिरा गांधी के इशारों पर कांग्रेस सरकार व्दारा विपक्ष के हमारे नेता मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, चौधरी चरण सिंह, राज नारायण, राजमाता सिंधिया जैसे कई बड़े नेताओं को गिरफ़्तार कर जेल में डाल दिया गया था। विपक्ष के लाखों लोगों ने कांग्रेस सरकार के इस अत्याचार और दमनकारी नीतियों के ख़िलाफ़ आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की बहाली के लिए गिरफ़्तारी दी गईं थीं। श्री उपासने जी ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के फ़ैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनकी सरकार का आभार जताया।
मीसा बंदी लोकतंत्र के सजग प्रहरी
इस दौरान भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री वेदराम मनहरे ने कहा कि, आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार के दमनकारी नीतियों का सामना करने वाले मीसा बंदी ही लोकतंत्र के सजग प्रहरी हैं। इन्होंने देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए बड़ी क़ुर्बानी दी हैं। इनके कारण ही आज हमारा लोकतंत्र सुरक्षित हैं। इन सेनानियों का सम्मान करना मेरे लिए गौरव की बात हैं।