रायपुर – छत्तीसगढ़ में लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित पीएससी परीक्षा घोटाले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है।
सीबीआई ने इस छत्तीसगढ़ पीएससी (CGPSC) परीक्षा घोटाले की जांच शुरू भी कर दी है। सीबीआई इस पीएससी घोटाला मामले में कई दस्तावेजों की जांच भी करेगी। इस दौरान कई कागजातों की फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी। इस जांच में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान मौजूदा कांग्रेस सरकार पर पीएससी में नेताओं और मंत्रियों के रिश्तेदारों को भर्ती करने और नियुक्ति देने का आरोप लगा था।
उस समय के विपक्ष बीजेपी ने मौजूदा कांग्रेस की भूपेश सरकार को जमकर घेरा था। साथ ही छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस घोटाले की जांच करने का वादा भी बीजेपी ने किया था।
इसी के तहत बीजेपी की विष्णुदेव साय सरकार ने इस पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। सीबीआई ने जांच भी शुरू कर दी है।
2020-21 भर्ती परीक्षा घोटाला की जांच
बता दें कि बीजेपी ने 2023 विधानसभा चुनाव में 2020-21 पीएससी भर्ती परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाया था।
इसके साथ ही कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों को इसमें नियुक्ति देने का भी गंभीर आरोप लगाया था। इस भर्ती परीक्षा मामले की जांच पहले ACB-EOW कर रही थी। ACB-EOW ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की थी।
ईओडब्ल्यू ने सीबीआई को सौंपा केस
छत्तीसगढ़ पीएससी 2020-21 भर्ती परीक्षा घोटाले की जांच पहले एसीबी-ईओडब्ल्यू के द्वारा की जा रही थी।
सरकार के निर्देश पर अब इस केस की जांच सीबीआई कर रही है। इस पर ईओडब्ल्यू ने इस केस को सीबीआई को हैंडओवर किया है।
फॉरेंसिक लैब में होगी जांच
ईओडब्ल्यू ने सीबीआई को सीजी पीएससी घोटाला केस की डायरी सौंप दी है। अब सीबीआई अपने स्तर से जांच करेगी।
सीबीआई इस केस की तह तक पहुंचने के लिए कई दस्तावेजों की भी जांच करेगी। इसके अलावा कई संदिग्ध लोगों से भी पूछताछ करेगी।
वहीं जानकारी मिली है कि सीबीआई अब पीएससी भर्ती परीक्षा 2020-21 की प्री और मेंस परीक्षा की आंसर शीट की भी जांच करेगी। इनकी जांच फॉरेंसिक लैब में कराई जाएगी।
इसको लेकर सीबीआई फॉरेंसिक लैब में प्री और मेंस की आंसरशीट भेजेगी। जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि आंसरशीट में रोल नंबर और प्रश्नों के जवाब कहीं अलग-अलग समय में तो नहीं लिखे गए हैं।
ये आरोप लगाए गए थे
पीएससी भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया होने के बाद भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगाए गए थे।
इसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ कैंडिडेट्स का चयन नियम के विरुद्ध किया गया है। इन कैंडिडेट्स ने परीक्षा के दौरान अपनी आंसरशीट खाली छोड़ दी थी।
जिनकी आंसरशीट दूसरे लोगों के द्वारा भरी गई थी। फॉरेंसिक जांच में इन सब आरोपों का सच सामने आ सकेगा, इसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
चयनित कैंडिडेट्स से भी होगी पूछताछ
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 2020-21 परीक्षामें उम्मीदवारों का चयन भी कर लिया है। इन उम्मीदवारों से सीबीआई पूछताछ करेगी।
इस परीक्षा में 18 उम्मीदवारों से पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही इनकी हैंडराइटिंग की भी जांच विशेषज्ञों से कराई जाएगी।
किस बोर्ड में हुआ कैंडिडेट का इंटरव्यू
सीबीआई इस केस में इंटरव्यू की भी जांच करेगी। इसमें यह देखेगी कि साक्षात्कार लेने के लिए बनाए गए तीन पैनलों में कौन-कौन लोग थे।
इन तीन बोर्ड का रिकॉर्ड भी खंगाला जाएगा। बता दें कि एक बोर्ड में तो तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी भी थे।
सीबीआई यह भी जांच करेगी कि किस बोर्ड के साक्षात्कार में सबसे अधिक लोगों का चयन हुआ है। बोर्ड के सदस्यों का चयनित कैंडिडेट्स या उनके रिश्तेदारों से क्या संबंध है, या फिर नहीं है।
इसके साथ ही इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों का पांच साल का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा। इसमें कॉल डिटेल, गूगल लोकेशन से लेकर वाट्सऐप चैट की भी जांच की जाएगी। वहीं चयनित कैंडिडेट्स के फोन की भी तकनीकी जांच होगी।