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एम्बुलेंस में गूंजी किलकारी – गर्भवती महिला ने रास्ते में बच्ची को दिया जन्म

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 108 संजीवनी एक्सप्रेस ने एक बार फिर अपने नाम की तरह काम किया है. यहां 108 स्टाफ की सूझबूझ और तत्परता से एक गर्भवती महिला ने स्वस्थ बेटी को जन्म दिया.

रायगढ़ – जिले में आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां पहुंचने वाले मार्ग दुर्गम होने की वजह से उस क्षेत्र के लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि सरकारी योजनाओं के लाभ से भी गांव के ग्रामीण वंचित हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ नजारा शनिवार की दोपहर देखने को मिला।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 108 संजीवनी एक्सप्रेस ने एक बार फिर अपने नाम की तरह काम किया है. यहां 108 स्टाफ की सूझबूझ और तत्परता से एक गर्भवती महिला ने स्वस्थ बेटी को जन्म दिया. डिलीवरी के बाद महिला और नवजात दोनों स्वस्थ हैं. दरअसल, सोमवार की सुबह 9 बजे भानपुरी की रहने वाली प्रीति देशमुख (30) अचानक से को प्रसव पीड़ा हुई. जिसके बाद परिजनों ने डायल 108 के माध्यम से सूचना दी.सड़कें खराब होने के कारण वाहन का गांव तक पहुंचना मुमकिन नहीं था। प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को डायल 112 की टीम ने लाठियों के बीच एक टोकरी बनाकर महिला के बैठने का इंतेजाम किया। महिला को कंधे पर लादकर तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर वाहन तक पहुंचाया। जिसे देखकर अब हर कोई डायल 112 टीम की तारीफ करते नही थक रहा है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए 112 के आरक्षक विपिन किशोर खलखो एवं चालक छोटू दास महंत मौके के लिए रवाना हुए। गांव तक गाड़ी नहीं पहुंच पाने की वजह से डायल 112 की टीम वाहन को नीचे में ही खड़े कर तीन किलोमीटर तक का पैदल सफर तय करते हुए गर्भवती महिला तक पहुंचे और फिर महिला को लाठियों के जरिए कंधे पर लादकर वाहन तक लाया गया।

रास्ते में अचानक से उठा दर्द

खबर मिलते ही ईंट भुनेश्वरी देशमुख और पायलट लिवेन्द्र कुमार तुरंत उनके घर पहुंचे. महिला को एम्बुलेंस में शिफ्ट कर हॉस्पिटल के लिए रवाना हुए. तभी रास्ते में घर से लगभग 3 किलोमीटर दूर जिले के कोडिया गांव के पास गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा काफी ज़्यादा बढ़ गई.

नाले के किनारे महिला ने बच्चे को दिया जन्म
प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को नजदीकी अस्पताल ले जाया जा रहा था। लेकिन प्रसव पीड़ा अधिक बढ़ जाने की वजह से वाहन को रास्ते मे ही रोककर नाला किनारे एक पेड़ के नीचे महिला का प्रसव कराया गया। जिसके बाद महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमरगा लाया गया। जहां जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।

सहमति से शुरू की डिलीवरी

इसके बाद ड्राइवर ने महिला की स्थिति को देखते हुए एम्बुलेंस को सड़क किनारे सुरक्षित खड़ा किया. इसके बाद, EMT भुनेश्वरी ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए सबसे पहले डॉक्टर संजय सिन्हा से संपर्क साधा और उनके सलाहनु के मुताबिक परिजनों की सहमति के बाद प्रसव प्रक्रिया  शुरू की.