जेएमएम, कांग्रेस और राजद विधायकों ने फ्लोर टेस्ट सफलतापूर्वक पास करने का भरोसा जताया था, लेकिन बीजेपी का तर्क था कि यह आसान नहीं होगा। कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद हेमंत सोरेन को 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था।
रांची – हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद झारखंड की राजनीति में एक बार फिर बड़ी उठा-पटक देखने को मिली है। यहां के सीएम चंपई सोरेन ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से ही अब एक बार फिर से हेमंत सोरेन के सीएम बनने की तैयारी तेज हो गई है। इसी क्रम में आज हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। यहां हुए चुनाव के बाद हेमंत सोरेन ने बहुमत के साथ विश्वास प्रस्ताव जीत लिया। इसके साथ ही हेमंत सोरेन के एक बार फिर से झारखंड के सीएम बनने की राह आसान हो गई है।
हेमंत सोरेन के पक्ष में 45 वोट
बता दें कि हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद वह 28 जून को जेल से रिहा हुए। जेल से निकलने के बाद उन्हें पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया। वहीं हेमंत सोरेन के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चंपई सोरेन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। चंपई सोरेन के इस्तीफा सौंपने के बाद हेमंत सोरेन के सीएम बनने का रास्त साफ हो गया। ऐसे में अब हेमंत सोरेन ने राज्य की विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उनके सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 45 वोट मिले। इसके साथ ही हेमंत सोरेन ने बहुमत के साथ विश्वास प्रस्ताव जीत लिया।
चार जुलाई को ली सीएम पद की शपथ
बता दें कि झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए एक घंटे का समय दिया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायकों ने हेमंत सोरेन के पक्ष में वोट किया है। हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन के पद से हटने के एक दिन बाद चार जुलाई को ही मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली थी। हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद 28 जून को जेल से रिहा किया गया था। उन्होंने 31 जनवरी को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से कुछ समय पहले सीएम पद से इस्तीफा दिया था। झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 76 विधायक हैं।