अमलीपदार रथ यात्रा में शामिल होने हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की जन सैलाब उमड़ पड़ा
गरियाबंद – गरियाबद जिले के मैनपुर विकासखण्ड के अमलीपदर जगन्नाथ मंदिर मे प्रत्येक वर्ष के भांति इस वर्ष भी रथयात्रा महोत्सव को बडे ही हर्षोल्लास से मनाया गया। रथयात्रा महोत्सव मनाने यहाँ का सिलसिला पिछले सौ वर्षों से चली आ रही है, जो वर्तमान में आचार्य युवराज पाण्डेय के नेतृत्व में संचालित हो रहे हैं। मंदिर का पट खुलते ही मंदिर परिसर में सुबह 9 बजे से ही भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
दोपहर 3 बजे महाप्रभु जगन्नाथ जी बलभद्र, सुभद्रा माई के साथ अपने रथ में रथारूड़ होकर मौसी के घर अर्थात गुंडीचा मंदिर के लिए प्रस्थान किए। साथ में ग्राम की देवी शीतला माता एवं वैदपारा के देवी देवताओँ के ध्वज पताका सहित जगन्नाथ जी का रथ श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर से अमलीपदर नगर के चौक चौराहों से होकर भजन संकीर्तन के साथ गुंडीचा मंदिर पहुंचा।महाप्रभु जी का रथ वहाँ पहुंचते ही बेसब्री से इंतजार कर रहे हजारों श्रद्धालु भक्त दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े और बोल कालिया धीरे धीरे का जयकारा लगाने लगे।
ज्ञात हो कि रथयात्रा पर्व पर यहाँ गजामुंग प्रसाद का विशेष महत्व है, जिसे ग्रहण करने रथ के चहुँओर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। रथयात्रा महोत्सव को देखने अमलीपदर में इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र से लाखों की तादाद में श्रद्धालु भक्त पहुंचे। जगन्नाथ जी के दर्शन कर मनोवांछित फल की कामना की। रथयात्रा महोत्सव में शांति व्यवस्था और सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा विशेष बल तैनात किया गया था।