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रायपुर में मुस्लिम महासभा की बैठक – गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग,सीएम साय बोले गाय को हम माता मानते हैं’

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रायपुर – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गुरूवार को छग मुस्लिम समाज की महासभा का आयोजन किया गया। इस बैठक में मुस्लिम महासभा की ओर से गाय को राष्ट्रिय पशु घोषित करने की मांग की गई और इसके साथ ही देश में सभी एक्सपोर्ट कंपनियो को बंद करने की मांग की है। गाय को राष्ट्रिय पशु घोषित करने वाली मुस्लिम महासभा की मांग पर सीएम विष्णुदेव साय का बड़ा बयान सामने आया है। मुस्लिम महासभा की मांग पर सीएम विष्णुदेव साय ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, हम सनातनी लोग तो गाय को माता मानते हैं।

बता दें कि, रायपुर के बैजनाथपारा इलाके के मुस्लिम हॉल में आयोजित मुस्लिम महासभा में दिल्ली,मुंबई समेत पूरे प्रदेश के हर जिले से मुस्लिम समाज के प्रमुख शामिल हुए। बैठक में सभी मस्जिद के मुतवल्ली, नायब मुतवल्ली सेक्ट्री, अंजुमन के सदर, दरगाहों के खादिम,उर्स कमेटी सहित बहुत बड़ी संख्या में समाज के बुद्धिजीवी वर्ग, अधिवक्ता सहित हजारों लोग शामिल हुए।

आयोजनकर्ता सदस्य हुसैनी सेना प्रमुख राहिल रउफी ने बताया कि, इस ऐतिहासिक और देश की पहली मुस्लिम महासभा में 10 मुद्दो पर सभी लोगो ने अपनी राय रखी और सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि देश के प्राधानमंत्री “गाय” को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित करे और जितनी भी बीफ एक्सपोर्ट कंपनियां है उन पर तत्काल प्रतिबंध लगाए। इसके साथ ही पशु परिवहन और तस्करी पुरी तरह बंद हो। रायपुर के आरंग में तीन युवको की मौत मामले में हत्या की धारा लगाई जाए साथ ही इस पूरे मामले की न्यायिक जांच या सीबीआई जांच हो, बचे आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो। इसके अलावा प्रशासन से मांग की गई कि शासन गौ रक्षक की आड़ में अवैध उगाही करने वाले गैंग द्वारा की जाने वाली मारपीट कर हत्या जैसे गंभीर घटनाओ को अंजाम देने वालो पर नकेल कसने की मांग की।

असमाजिक तत्वों को संरक्षण?

राहिल रउफी ने आगे कहा कि, आरंग में हुई घटना को आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है जिसका अब मुस्लिम समाज पूरे प्रदेश स्तर पर विरोध करेगा। छत्तीसगढ़ का भाईचारा बचाने के लिए सभी ने जोर दिया कि कैसे छत्तीसगढ़ का भाईचारा सद्भाव बचाया जाए। इसके लिए पूरे छत्तीसगढ़ के हर जिले से मुस्लिम समाज प्रमुख पहुंचे और आक्रोश व्यक्त किया कि शासन प्रशासन के द्वारा भय मुक्त वातावरण बनाने कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। असामाजिक तत्वों को सरक्षण क्यों दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है उसे अब आरंग हत्याकांड से नफरत का कटोरा कहा जाने लगा है।