सभापति ने मेरा अपमान किया, उनका ध्यान खींचने के लिए मैं वेल में गया- खरगे
नई दिल्ली – राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्रातक (नीट-यूजी) से जुड़ी कथित अनियमितताओं, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ‘नाकामी’ और पेपर लीक से जुड़े मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को खारिज किए जाने के बाद विपक्षी सदस्यों ने शुक्रवार को राज्यसभा में हंगामा किया।
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब आधे घंटे के भीतर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और उपसभापति हरवंश को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। फिर राज्यसभा के दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई।
इसके बाद धनखड़ ने बताया कि उन्हें नीट से जुड़ी अनियमितताओं के मुद्दे पर नियम 267 के तहत कुल 22 नोटिस मिले हैं। सभापति ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र की बैठक को संबोधित करते हुए बृहस्पतिवार को कहा है कि सरकार पेपर लीक की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि सरकार परीक्षाओं से जुड़ी संस्थाओं, उनके कामकाज के तरीके में व्यापक सुधार की दिशा में काम कर रही है। धनखड़ ने कहा कि चूंकि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा आज ही आरंभ होनी है, लिहाजा सदस्य इस मौके का लाभ उठाकर नीट से जुड़ी ंिचताओं पर अपनी बात रख सकते हैं।
सभापति ने यह कहते हुए सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए। विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध किया और नियम 267 की उपयोगिता पर सवाल उठाए। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि नियम 267 के तहत सभी सूचिबद्ध कार्य निलंबित कर सदस्यों के मुद्दों पर चर्चा कराए जाने का प्रावधान है।
इस पर सभापति ने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि आपको विमान से यात्रा करनी है और आपका टिकट भी बुक है तो फिर किसी दूसरे विमान से यात्रा की बात करना ठीक नहीं है। इसके बाद नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि स्पेशल विमान का भी इन दिनों प्रावधान है और उससे जब चाहे तब जाया जा सकता है।
खरगे ने कहा कि नियम 267 के तहत सभापति को मनवा कर चर्चा की जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए तो नियम 267 है। नहीं तो इसका क्या मतलब है।’’ उन्होंने कहा कि आज छात्र परेशान हैं और सात साल में 70 बार पेपर लीक की घटनाएं हो चुकी हैं।
सभापति ने खरगे को रोका और फिर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसी बीच, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेबाजी शुरु कर दी। सभापति ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरु करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सुधांशु त्रिवेदी का नाम पुकारा।
सभापति का ध्यान खींचने के लिए मैं वेल में गया- खरगे
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने पर कहा कि मैंने सदन में 10 मिनट तक हाथ ऊपर करके रखा लेकिन चेयरमैन ने मेरी तरफ नहीं देखा. उन्होंने जानबूझकर मुझे नजरअंदाज करके मेरा अपमान किया. उनका ध्यान खींचने के लिए मैं अंदर (वेल में) गया.
त्रिवेदी ने अपनी बात शुरु ही की थी कि विपक्षी सदस्यों का हंगामा तेज हो गया। कई सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी और शोरगुल करने लगे। कुछ सदस्यों को ‘शिक्षा मंत्री इस्तीफा दो’ के नारे लगाते भी सुना गया।सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों को चेतावनी भी दी। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष से कहा कि क्या वह इसी उद्देश्य से सदन में आई हैं।
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले के व्यवहार पर आपत्ति जताई और इसी पार्टी के सदन के नेता डेरेक ओ’ब्रायन से कहा कि ‘आप निर्देशक बन रहे हैं’। इसके बाद भी जब विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा तो सभापति ने 11 बजकर 27 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
खरगे और तिवारी के अलावा कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन और रंजीत रंजन सहित कई विपक्षी सदस्यों ने नीट के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करते हुए नोटिस दिए थे।
वेल में घुस गए विपक्षी नेता, धनखड़ ने जताई दुखी
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज भारतीय संसद के इतिहास में ऐसा कलंकित दिन है कि विपक्ष के नेता खुद वेल में आ गए हैं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. मैं दुखी हूं, स्तब्ध हूं. भारतीय संसदीय परंपरा इस हद तक गिर जाएगी कि विपक्ष के नेता वेल में आ जाएंगे, उपनेता वेल में आ जाएंगे. खरगे वेल में घुस गए थे.