नई दिल्ली – 18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज (24 जून) से शुरू हुआ। विपक्षी सांसदों ने भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर विरोध-प्रदर्शन किया। सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने संविधान की कॉपी लहराई और संविधान बचाओ के नारे लगाए।
विपक्षी सांसदों ने कहा कि सरकार ने नियमों के खिलाफ जाकर प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। नियम के मुताबिक, कांग्रेस के के.सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना था, क्योंकि वे 8 बार के सांसद हैं। महताब तो 7 बार के ही सांसद हैं।
प्रदर्शन में सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी भी शामिल हुए। राहुल गांधी ने प्रोटेस्ट के बाद कहा- प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह, जो आक्रमण संविधान पर कर रहे हैं, वो हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है। हम ये आक्रमण नहीं होने देंगे। हिंदुस्तान के संविधान को कोई शक्ति नहीं छू सकती।
खड़गे ने कहा- PM ने संविधान को तोड़ने की कोशिश की है। संविधान को बचाने के लिए जनता हमारा साथ दे रही है। देश में फिलहाल हर लोकतांत्रिक नियम को तोड़ा जा रहा है। आज हम गांधी जी की प्रतिमा के सामने इकट्ठे हुए हैं। हम मोदी जी को बता रहे हैं कि आप संविधान के तहत चलिए।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के कई घटक दलों के नेता 18वीं लोकसभा की बैठक के पहले दिन सोमवार को संविधान की प्रति लेकर संसद पहुंचे और कहा कि वे संविधान की रक्षा करेंगे।
कांग्रेस के अलावा द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद परिसर में सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। उन्होंने ‘संविधान की रक्षा हम करेंगे’ और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने विपक्षी सांसदों की नारेबाजी का वीडियो साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “हम लोकतंत्र के प्रहरी हैं। हम संविधान की रक्षा करने और उसे कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अन्याय के खिलाफ लड़ने के अपने संकल्प में एकजुट हैं।”
उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आशीर्वाद लेकर और संसद में लोगों के मुद्दों, चुनौतियों, आशाओं और आकांक्षाओं को आवाज देने और सरकार को हर मिनट नियंत्रण में रखने के नए संकल्प के साथ 18वीं लोकसभा में प्रवेश करता है।
बता दे की हालिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने संविधान को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। उनका आरोप था कि भाजपा संविधान बदलना चाहती है।
कौन होता है प्रोटेम स्पीकर?
प्रोटेम लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर से आया है। इसका मतलब होता है- कुछ समय के लिए। प्रोटेम स्पीकर अस्थायी स्पीकर होता है। लोकसभा या विधानसभा चुनाव होने के बाद सदन को चलाने के लिए सत्ता पक्ष प्रोटेम स्पीकर को चुनता है।
प्रोटेम स्पीकर का मुख्य काम नव निर्वाचित सांसदों/विधानसभा को शपथ ग्रहण कराना है। यह पूरा कार्यक्रम प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में होता है। प्रोटेम स्पीकर का काम फ्लोर टेस्ट भी करवाना होता है। हालांकि संविधान में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति, काम और पावर के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा गया है।